
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव Shivpal Yadav ने एक बड़ा राजनीतिक दावा करते हुए कहा है कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने और योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में मंत्री बनने का ऑफर मिला था।
उन्होंने बताया कि यह ऑफर केंद्र के गृह मंत्री अमित शाह ने खुद दिया था। शिवपाल ने कहा कि शाह ने उन्हें दिल्ली भी बुलाया था, लेकिन वह वहां नहीं गए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की नीयत में खोट थी और वे सिर्फ यादव परिवार में फूट चाहते थे।
2017 से था बीजेपी के संपर्क में: Shivpal Yadav
एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में शिवपाल यादव ने खुलासा किया कि वह 2017 से ही बीजेपी के संपर्क में थे। जब उनसे पूछा गया कि वह बीजेपी में किसके संपर्क में थे, तो उन्होंने बिना झिझक के कहा कि वह “नंबर दो” यानी अमित शाह के संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि शाह ने उन्हें मंत्री बनने का ऑफर दिया था, लेकिन वह पहले भी कई बार मंत्री रह चुके थे, इसलिए इस ऑफर का उनके लिए कोई खास मतलब नहीं था।
शिवपाल ने दावा किया कि बीजेपी सिर्फ उनके परिवार को बांटना चाहती थी। उन्होंने कहा, “वे हमेशा यही चाहते थे कि हमारे परिवार में फूट बनी रहे और परिवार एक न हो सके।” उन्होंने यह भी कहा कि फिरोजाबाद का चुनाव भी उन्होंने बीजेपी के कहने पर ही लड़ा था।
मुलायम सिंह की सलाह पर बनाई थी अलग पार्टी: Shivpal Yadav
शिवपाल ने बताया कि जब उनकी और अखिलेश यादव के बीच अनबन बढ़ गई थी, तब उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव (नेताजी) की सलाह पर ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया था। मुलायम सिंह ने उनसे कहा था कि जब अखिलेश बात करने को तैयार नहीं हैं तो उन्हें अपनी अलग पार्टी बना लेनी चाहिए। बाद में 2022 में उन्होंने अपनी पार्टी का सपा में विलय कर दिया था।
अखिलेश से दूरी की शुरुआत
Shivpal Yadav ने अखिलेश से दूरी बनने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर परिवार में चर्चा हुई थी। उस समय वह चाहते थे कि मुलायम सिंह यादव ही मुख्यमंत्री बनें, लेकिन अखिलेश और रामगोपाल यादव की जिद के बाद अखिलेश को मुख्यमंत्री बना दिया गया। शिवपाल ने कहा कि यही वह समय था जब उनके और अखिलेश के बीच दूरी बननी शुरू हो गई थी।



