झारखंड — राज्य सरकार द्वारा गरीबों को पक्का घर मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू की गई Abua Awas Yojana में धांधली और लापरवाही के मामलों पर अब प्रशासन ने सख्त रवैया अपना लिया है।
ऐसे लाभार्थी जो सरकारी मदद लेकर भी आवास का निर्माण नहीं कर रहे, उन पर अब नामजद प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।
क्या है Abua Awas Yojana?
यह योजना झारखंड सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत आवासहीन गरीब परिवारों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि वे पक्का घर बना सकें। यह योजना प्रधानमंत्री आवास योजना से इतर है और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है।
क्या है मामला?
- प्रशासन ने पाया कि कई लाभार्थी पहली किस्त की राशि प्राप्त करने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं कर रहे थे।
- कुछ मामलों में लाभार्थियों ने वह राशि निजी खर्चों में इस्तेमाल कर दी।
- इसके बाद प्रशासन ने नोटिस भेजा, जिसमें या तो काम शुरू करने या पैसा लौटाने का निर्देश था।
- नोटिस का पालन न करने पर प्रशासन ने पुलिस में नामजद केस दर्ज कराना शुरू कर दिया है।
Abua Awas Yojana: घाटशिला में मामला दर्ज
- डंडई (घाटशिला) क्षेत्र में 47 ऐसे लाभुकों की पहचान की गई।
- इन पर बी.डी.ओ. (प्रखंड विकास पदाधिकारी) देवलाल करमाली की ओर से स्थानीय थाना में केस दर्ज कराया गया।
- 2023-24 में इन लोगों को अबुआ आवास योजना के तहत पहली किस्त दी गई थी।
- दो बार नोटिस देने के बावजूद न तो निर्माण शुरू किया गया और न ही पैसा वापस किया गया।
Abua Awas Yojana: बीडीओ की टिप्पणी
बीडीओ देवलाल करमाली ने कहा,
“योजना गरीबों के लिए है। ऐसे लोगों को जब लाभ दिया जाता है और वे उसका दुरुपयोग करते हैं, तो यह दूसरों का हक मारने जैसा है। ऐसे लाभार्थियों पर कार्रवाई ज़रूरी है ताकि यह एक मिसाल बने।”
Abua Awas Yojana: कानूनी कार्रवाई की दिशा में प्रशासन:
- अबुआ आवास योजना की राशि सरकारी फंड होने के कारण इसका दुरुपयोग धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।
- ऐसे मामलों में जेल तक की सजा और राशि की वसूली संभव है।
- प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि लाभार्थी राशि लौटाते हैं या निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करते हैं, तो राहत मिल सकती है।
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मुख्य बिंदु सारांश:
- अबुआ आवास योजना का दुरुपयोग करने वालों पर एफआईआर दर्ज।
- घाटशिला में 47 लाभुकों पर नामजद केस।
- दो बार नोटिस के बाद भी राशि जमा नहीं की गई।
- सरकार ने कहा, यह गरीबों के हक की योजना है, इसका दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा।
यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि अब योजनाओं के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि अन्य लाभार्थियों को भी समय पर काम पूरा करने की प्रेरणा मिलेगी।
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