
Patna: बच्चों के लिए घातक मानी जाने वाली बीमारी एईएस (AES) अब बिहार जिला के नए इलाकों में अपने पांव पसार रही है. एईएस से प्रभावित एवं संवेदनशील प्रखंडों के साथ साथ अब यह घातक बीमारी तीन नए प्रखंडों में भी घुस गई है. इस साल अभी तक बंदरा एवं कुढ़नी से 2-2 एईएस के मरीज पाए गए हैं. इसके साथ ही एईएस का एक मरीज गायघाट में भी मिला है.
स्वास्थ्य विभाग अब तक छह प्रखंडों को ही एईएस प्रभावित मानता है जिसमें मीनापुर, बोचहां, कांटी, मुशहरी एवं मोतीपुर सम्मिलित है. इसके साथ ही इस साल एईएस प्रभावित प्रखंडों में पारू प्रखंड को भी सम्मिलित किया गया है जिसकी वजह इस प्रखंड से ज्यादा मामले की पुष्टि होना है.
AES: स्वास्थ्य विभाग इलाके में एईएस के नए मामले मिलने पर अलर्ट
सिविल सर्जन डॉक्टर सुभाष प्रसाद सिंह का कहना है कि हम लोगों ने सभी पीएचसी प्रभारियों को एईएस नामक घातक बीमारी को लेकर अलर्ट रहने को कह दिया है.एईएस के नोडल अफसर डॉ सतीश कुमार का कहना है कि दो मामले अलार्मिंग नहीं है बल्कि सभी जगह हम पूरी तरह से अलर्ट हैं.
एम्स की दो टीम कर रही है एईएस पर रिसर्च
बिहार में एम्स की 2 टीम एईएस पर रिसर्च कर रहीं हैं. 2 सालों से एम्स जोधपुर की टीम एईएस के कारणों का पता लगा रही है और साथ ही एम्स पटना की टीम भी अब इस बीमारी पर नए सिरे से रिसर्च कर रही है. प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में एम्स जोधपुर की टीम कार्य कर रही है.
यह टीम मुशहरी, मीनापुर एवं कांटी के एईएस प्रभावित इलाकों में कार्य कर रही है. रिसर्च में इस टीम का मानना है कि गर्मी की वजह से बच्चों को यह घातक बीमारी हो रही है. नदी के निचले क्षेत्रों में तापमान ज्यादा पाया जाता है जिसकी वजह से यहां एईएस के लक्षण अधिक दिख रहे हैं. एम्स पटना की टीम अपनी रिसर्च बच्चों के मेटाबॉलिज्म में बदलाव पर कर रही है.



