Dumka:मसलिया प्रखंड के कुजंबोना पंचायत के अन्तर्ग्रत गांव बसकुटिया में संताल आदिवासियों ने Karamपूजा और छटियर पर्व बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है.
धार्मिक अनुष्ठान मंगल सुबह से शुरू हुई है और बुध रात्रि तक चलेगा.प्रथम दिन को काराम पूजा किया गया और आज को छटियर पर्व मनाया जा रहा है. संताल गांवो में यह धर्मिक मान्यता है कि गांव के सुखा शांति के लिय काराम पूजा किया जाता है.यह जब भी मनाया जाता है तो तीन वर्ष लगातार मनाया जाता है.इस गांव में काराम पूजा अंतिम और तीसरा लगातार वर्ष हो रहा है. काराम पूजा में काराम दोन का प्रतियोगिता भी रखा गया था.
Karam: छटियर के बिना किसी को भी स्वर्ग नसीब नही होता है
काराम दोन काराम पूजा के समय का एक नृत्य है.इस प्रतियोगिता में कुभिड़दाहा गांव के जियड़ झारना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया.आज ग्रामीण छटियर पर्व मना रहे है.जिसमे सभी छोटे बच्चो का छटियर किया जाता है.संताल समाज में यह मान्यता है कि बिना छटियर किये कोई भी संताल लड़का या लडकी शादी नही कर सकता है और छटियर के बिना किसी को भी स्वर्ग नसीब नही होता है.जो बच्चे में छटियर नही कराए है वे शादी के पूर्व किसी भी समय में छटियर कर सकते है.
Was blessed to attend the Maha Sabha Raj Karam Puja at Paneri Sah Garden.
Karam Puja is an important harvest festival dedicated to the worship of Karam-Devta, the god of power, youth & prosperity. It celebrated for good harvest and health. pic.twitter.com/TpTka9piSk
— Pramod Boro (@PramodBoroBTR) November 19, 2022
छटियर पर्व में ठोल नगाड़ो के साथ सभी पुरुष महिला नाच गान भी करते है,जिसे छटियर नृत्य कहते है. इस मोके में गांव के नायकी बाबा(पुजारी) जुलिन सोरेन और मांझी बाबा महादेव सोरेन के साथ गांव के सभी ग्रामीण और अगल बगल गांव के ग्रामीण उपस्थित है.