Mangal Pandey: बिहार सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहे 150 से अधिक डॉक्टरों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की तैयारी पूरी कर ली गई है।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इन तथाकथित “भगोड़े” डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और स्पष्ट कर दिया है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कई जिलों में सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की भारी कमी सामने आ रही थी। जांच में यह खुलासा हुआ कि बड़ी संख्या में डॉक्टर बिना सूचना और अनुमति के लंबे समय से ड्यूटी से नदारद हैं। इससे आम जनता को इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में।

कारण बताओ नोटिस, जवाब से तय होगा भविष्य
स्वास्थ्य विभाग ने सभी अनुपस्थित डॉक्टरों को नोटिस भेजकर उनसे तय समय सीमा में जवाब मांगा है। विभाग का साफ कहना है कि अगर डॉक्टर अपने जवाब में संतोषजनक कारण नहीं दे पाए, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रक्रिया में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से आवश्यक सहमति लेने के बाद बर्खास्तगी तक का फैसला लिया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री का डॉक्टरों को सख्त संदेश
स्वास्थ्य मंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि सरकारी सेवा कोई विकल्प नहीं बल्कि जिम्मेदारी है। जनता के टैक्स के पैसे से वेतन लेने वाले डॉक्टर अगर अपनी ड्यूटी से भागते हैं, तो उनके लिए सिस्टम में कोई जगह नहीं है। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कार्रवाई में किसी भी तरह की ढिलाई न बरती जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा था सीधा असर
डॉक्टरों की अनुपस्थिति का सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा था। कई अस्पतालों में ओपीडी बंद रहने, इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित होने और मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों की ओर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था। सरकार का मानना है कि इस कार्रवाई से न केवल अनुशासन कायम होगा बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार आएगा।
भविष्य में और कड़ी निगरानी की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग अब सिर्फ कार्रवाई तक सीमित नहीं रहना चाहता। आगे के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी, नियमित निरीक्षण और ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम को और मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि भविष्य में कोई भी डॉक्टर ड्यूटी से गायब न हो सके। सरकार की इस सख्त पहल से आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है। अगर कार्रवाई प्रभावी रही तो सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।



