रांची: झारखंड के CM Hemant Soren और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्य में खनन क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर शुक्रवार को एक अहम बैठक की।
खनन क्षेत्र को आगे ले जाने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा: श्री @HemantSorenJMM
खनिज रॉयल्टी, कोल माइंस के लिए जमीन अधिग्रहण, रैयतों को मुआवजा और नौकरी, विस्थापितों के पुनर्वास DMFT-CSR फंड के इस्तेमाल और कोल परियोजनाओं के ऑपरेशनल करने में आ रही अड़चनों को लेकर चर्चा। https://t.co/4n6Z4GU1XR pic.twitter.com/M4eMaAfYqX— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) September 12, 2025
बैठक में दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच आपसी सहयोग से ही इन चुनौतियों का समाधान संभव है।
आपसी सहयोग से आगे बढ़ेगा खनन क्षेत्र: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि झारखंड के खनन क्षेत्र को आगे ले जाने के लिए केंद्र और राज्य को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों के बीच तालमेल से कोल माइंस से जुड़ी सभी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। कोयला मंत्री रेड्डी ने मुख्यमंत्री को कोल खनन परियोजनाओं में आ रही बाधाओं से अवगत कराया।
इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई, जिनमें शामिल हैं:
- रायल्टी और फंड: खनिजों पर मिलने वाली रायल्टी, और डीएमएफटी (DMFT) व सीएसआर (CSR) फंड के सही इस्तेमाल पर बातचीत हुई।
- विस्थापितों के अधिकार: खनन से विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास, उन्हें नौकरी और मुआवजा देने पर चर्चा की गई।
- अवैध खनन: खदानों में हो रहे अवैध खनन और उससे होने वाले हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
- स्थानीय रोजगार: खनन क्षेत्रों और उसके आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने पर भी बात हुई।
बैठक में दोनों सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। यह मुलाकात झारखंड में खनन गतिविधियों को सुचारु बनाने और स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।



