
नई दिल्ली/रांची, 15 मई 2025: Jharkhand High Court में मामलों की धीमी सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा होम गार्ड भर्ती से जुड़े मामले में फैसला सुरक्षित रखने के बाद लंबे समय तक कोई आदेश जारी न करने पर गंभीर नाराजगी जाहिर की है।
Jharkhand High Court: फैसला सुरक्षित, आदेश लंबित
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता निखिल गोयल ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ को बताया कि तीन छात्रों द्वारा दाखिल याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने 6 अप्रैल 2023 को मौखिक रूप से कहा था कि फैसला सुरक्षित रखा जा रहा है। लेकिन 13 महीने बीतने के बावजूद कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया गया।
यह भी पढ़े: Maiya Samman Yojana: 15 मई को महिलाओं के खाते में आएंगे ₹5000, जानें डिटेल्स
Jharkhand High Court: सभी लंबित मामलों की सूची मांगी
शीर्ष अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर ऐसे सभी दीवानी मामलों की सूची व स्थिति रिपोर्ट मांगी है, जिनमें बहस पूरी हो चुकी है लेकिन फैसले नहीं आए हैं। इसमें रिट याचिकाएं भी शामिल हैं जो याचिकाकर्ताओं और सह-याचिकाकर्ताओं द्वारा दाखिल की गई हैं।
Jharkhand High Court: एक और मामले में भी लापरवाही पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उम्रकैद की सजा भुगत रहे कैदियों से जुड़े एक अन्य मामले में रजिस्ट्रार जनरल ने 5 मई को पारित आदेश की गलत व्याख्या की, जिसमें अदालत ने लंबित मामलों का ब्योरा मांगा था।
23 मई को अगली सुनवाई
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 23 मई 2025 तय की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील वान्या गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की थी कि वह झारखंड हाईकोर्ट को लंबित मामले में जल्द आदेश देने का निर्देश दे।
पृष्ठभूमि: 2017 की भर्ती, 2021 की याचिका
बता दें कि झारखंड सरकार ने 2017 में 1,000 से अधिक होम गार्ड पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था, लेकिन बाद में इस प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया। मेरिट लिस्ट में नाम आने के बावजूद तीन अभ्यर्थियों ने 2021 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। तब से मामला लंबित है।



