BiharHeadlinesPoliticsStatesTrending

समाज में बराबरी की ओर एक कदम, जातीय जनगणना पर Jitan Ram Manjhi का बयान

Gaya: गया में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख Jitan Ram Manjhi ने एक बड़ा बयान दिया।

उन्होंने कहा कि बिहार में 2023 में कराई गई जातीय जनगणना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन प्राप्त था। उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का विषय बन गया है।

जातीय जनगणना, सामाजिक न्याय की दिशा में एक प्रयास: Jitan Ram Manjhi

मांझी ने स्पष्ट किया कि जातीय जनगणना केवल एक सांख्यिकीय कवायद नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय को साकार करने की एक अहम कड़ी है। उन्होंने कहा, “जब तक हर जाति की सही जानकारी सरकार के पास नहीं होगी, तब तक योजनाओं का लाभ समान रूप से नहीं मिल पाएगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जातियों की सही संख्या जानने से यह स्पष्ट होगा कि कौन-सी जातियां वंचित हैं और किन्हें अतिरिक्त सहयोग की जरूरत है।

यह भी पढ़े: Caste Census: जातीय गणना पर केंद्र के फैसले में क्या है नीतीश कुमार की भूमिका?

Jitan Ram Manjhi News: प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन, राजनीति या नीति?

मांझी के इस दावे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने यह दावा ऐसे समय में किया है जब केंद्र सरकार जातीय जनगणना को लेकर स्पष्ट रुख अपनाने से बचती रही है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री ने खुद इस जनगणना का समर्थन किया था, जो यह दर्शाता है कि शीर्ष स्तर पर भी सामाजिक संतुलन की सोच है। हालांकि, विपक्षी दल इस बयान को राजनीतिक स्टंट कह सकते हैं, लेकिन मांझी का दावा स्पष्ट करता है कि जातीय आधार पर नीतियां बनाना अब सिर्फ एक राज्य का मसला नहीं रहा।

भविष्य की राजनीति पर असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि Jitan Ram Manjhi का यह बयान आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकता है। जातीय जनगणना का मुद्दा पहले ही कई दलों के लिए चुनावी एजेंडे का हिस्सा बन चुका है। अब जब एक वरिष्ठ दलित नेता ने प्रधानमंत्री के समर्थन की बात कही है, तो यह कई समीकरणों को बदल सकता है।

एक संवेदनशील मुद्दे पर नई बहस की शुरुआत

जातीय जनगणना एक ऐसा मुद्दा है जो सीधे तौर पर समाज के हाशिए पर खड़े लोगों से जुड़ा हुआ है। जीतन राम मांझी का बयान इस दिशा में नई बहस को जन्म दे सकता है कि क्या देश की नीतियां जातीय आंकड़ों के आधार पर अधिक न्यायसंगत बनाई जा सकती हैं। अगर यह बात सही है कि प्रधानमंत्री ने इसका समर्थन किया, तो यह एक संकेत हो सकता है कि देश की राजनीति अब जातिगत समानता की ओर गंभीरता से बढ़ रही है।

 

 

 

 

यह भी पढ़े: Caste Census को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button