Deoghar: देवघर के डीसी ने सारठ में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में असम के मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma को क्लीन चिट दे दी है।
JMM और उसके सहयोगी पूरी तरह से बेनकाब हो गए: Himanta Biswa Sarma
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस, माले और राजद के नेताओं ने चुनाव आयोग से हिमंत पर विभाजनकारी भाषण देने का आरोप लगाया था। इस क्लीन चिट पर भाजपा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा है कि हिमंत सरमा को मिली इस क्लीन चिट से JMM और उसके सहयोगी पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि हिमंत की आवाज़ झारखंड के आम लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करती है।
देश में अवैध घुसपैठियों को चिन्हित करके बाहर निकाला जाएगा: Himanta Biswa Sarma
साह ने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा ने हमेशा बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ आवाज उठाई है, और जिस तरह उन्होंने असम में घुसपैठ के खिलाफ कदम उठाए, भाजपा झारखंड में भी वही कार्य करेगी। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी इस बात को दोहरा चुके हैं कि देश में अवैध घुसपैठियों को चिन्हित करके बाहर निकाला जाएगा। यही कारण है कि JMM और कांग्रेस घबरा रहे हैं क्योंकि उनका वोट बैंक इस प्रकार की गतिविधियों में ही सुरक्षित रहता है।
साह ने कहा कि जब बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवाकर यहां बसाने की कोशिश होती है, और उन्हें स्थानीय आदिवासी लड़कियों से शादी करवाने में मदद की जाती है, तब इसे भाईचारे और सौहार्द्र का प्रतीक कहा जाता है। लेकिन जब हिमंत सरमा इस घुसपैठ के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई जाती है।
इस पूरे घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग, ईडी, सीबीआई जैसे संस्थानों पर बिना कारण कीचड़ उछालने का प्रयास किया जाता है। हार के डर से हताश JMM और कांग्रेस के लिए अब संस्थाओं और भाजपा के बड़े नेताओं को बदनाम करना एक चलन बन गया है।