भाजपा प्रदेश महामंत्री एवम सांसद डॉ Pradip Verma ने आज सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। कहा कि झामुमो की बेचैनी बढ़ गई है।रात की नींद हराम हो चुकी है जबसे असम के लोकप्रिय मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शरमा का झारखंड में सांगठनिक प्रवास तेज हुआ है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन की उपज बताने वाली पार्टी और नेता आज लोकतांत्रिक आंदोलन का मजाक उड़ा रहे। उन्हें बताना चाहिए कि भाजपा के नेतृत्व में लगातार 5वर्षों से अन्याय,अत्याचार,भ्रष्टाचार,लूट वादा खिलाफी पर सदन से सड़क तक आंदोलन चल रहे। इसके पूर्व पारा शिक्षकों,पुलिसकर्मियों ,आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका,अनुबंधित कर्मियों ने आंदोलन किया,आज भी कर रहे,क्या सभी हत्यारे हैं, आपके वायदों को याद कराकर अधिकार मांगना उन्हें नही चाहिए।
झामुमो निर्लज्जता की सीमा लांघ रहा: Pradip Verma
कहा कि आज भी झामुमो निर्लज्जता की सीमा लांघ रहा।आज भी वे युवाओं को नौकरी देने,किसानों के ऋण माफ कर देने ,महिलाओं को सम्मान देने की झूठी बातें प्रेसवार्ता में कर रहे। यह सब ठगबंधन सरकार ने कर दिया होता तो लोग क्यों सड़कों पर उतरते। आज उनके वादे ही उनके लिए कांटे बन गए। जब जब भाजपा याद दिलाती है तो उन्हें दर्द होने लगता है। वे अपनी नाकामियों पर पर्दा डालना चाहते।इसके लिए प्रशासनिक तंत्र का खुल्लम खुल्ला दुरुपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि आज झामुमो को गरीबों के अनाज की लूट नही दिखती,अस्पताल में दवा ,और साधन के अभाव में मरते गरीब नही दिखते,बिना विद्यालय के शिक्षक नही दिखाई देते, बांग्लादेशी घुसपैठियों से बदलती डेमोग्राफी चिंतित नहीं करती,घुसपैठियों द्वारा आदिवासी बहन बेटियों से शादी कर जमीन हड़पना,आदिवासियों की जमीन लूटना नही दिखता।
झामुमो सत्ता की रोटी सेंकने में लगा है: Pradip Verma
कहा कि झामुमो को सब भाईचारा दिखता क्योंकि वोट बैंक,तुष्टिकरण उनके रग रग में है। झामुमो जितना ताकत भाजपा पर लगा रही उतनी ताकत बांग्लादेशी घुसपैठियों से गाय बथान के आदिवासी की जमीन वापस करने में लगाती तो कुछ भला होता। आज गोपीनाथ पुर के लोग गांव छोड़कर भाग रहे। झामुमो सत्ता की रोटी सेंकने में लगा है।
यह भी पढ़े: JioBharat ने चीनी फोंस की कर दी छुट्टी, 1000 रूपए से काम के सेगमेंट में बना किंग
कहा कि चुनाव आयोग की टीम के दौरे मात्र से झामुमो को दौरा चढ़ जाता है। लेकिन कुर्सी का अंत तो आना है। कुर्सी जनता ने दी है।अब जनता हटाने को तैयार है।
यह भी पढ़े: 78वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली स्थित Jharkhand Bhawan में लहराया गया तिरंगा