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विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस में लौटे पूर्व अध्यक्ष Ramjatan Sinha का नीतीश से मोहभंग

Patna: बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ है जब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष Ramjatan Sinha ने पार्टी में वापसी की है.

Ramjatan Sinha ने पहले जेडीयू का दामन थामा था अब कांग्रेस में लौट आए

विधानसभा चुनाव से पहले यह कदम कांग्रेस के लिए एक बड़ी मजबूती साबित हो सकता है. रामजतन सिन्हा जिन्होंने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू का दामन थामा था अब कांग्रेस में लौट आए हैं. बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर बिहार कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी उपस्थित रहे.

रामजतन सिन्हा ने इसे अपनी ‘घर वापसी’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस से उनका पुराना नाता है और वे हमेशा से कांग्रेस के विचारों के प्रति समर्पित रहे हैं.

Ramjatan Sinha: कांग्रेस में वापसी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी

गौरतलब है कि रामजतन सिन्हा ने 2003 से 2005 तक बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी की कमान संभाली थी. 2005 में पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और जेडीयू में शामिल हो गए थे. लेकिन समय के साथ नीतीश कुमार से भी उनका मोहभंग हो गया जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस में वापसी का फैसला किया. बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रामजतन सिन्हा की कांग्रेस में वापसी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है.

उनकी घर वापसी से कांग्रेस को बिहार में नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है खासकर तब जब राज्य में चुनावी सरगर्मियां तेज हो रही हैं.

कांग्रेस में फिर से शामिल होने के बाद रामजतन सिन्हा ने अपनी भावनाओं का इज़हार करते हुए कहा कि वे पार्टी में वापस आकर बेहद अभिभूत हैं. उन्होंने बताया कि कांग्रेस से दूर रहने के बावजूद उनका संबंध पार्टी के नेताओं से हमेशा बना रहा. उनकी इस वापसी में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की भूमिका को उन्होंने सराहा और कहा कि अखिलेश सिंह के प्रयासों से ही यह वापसी संभव हो सकी.

सिन्हा ने संकल्प लिया कि वे पूरी ईमानदारी और क्षमता से कांग्रेस को फिर से मजबूत करने में अपना योगदान देंगे. बिहार में कांग्रेस की स्थिति पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में पार्टी को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए गठबंधन की आवश्यकता है. एनडीए के खिलाफ वोटों को एकजुट करना होगा ताकि राज्य में एक मजबूत विपक्ष का निर्माण हो सके.

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पवन खेड़ा ने भी रामजतन सिन्हा की वापसी पर अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि भले ही सिन्हा कुछ समय के लिए पार्टी से दूर हो गए थे लेकिन वे दिल से हमेशा कांग्रेस के साथ ही जुड़े रहे. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने रामजतन सिन्हा के राजनीतिक करियर की प्रशंसा करते हुए बताया कि उन्होंने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की थी और छात्रसंघ चुनाव में लालू प्रसाद यादव को हराकर अपनी पहचान बनाई थी. इसके बाद वे चार बार विधायक बने और बिहार सरकार में मंत्री भी रहे.

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