Ranchi: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी Kalpana Soren ने हाल ही में विधानसभा उपचुनाव में शानदार जीत हासिल की है. उनकी इस विजय ने राज्य में राजनीतिक सरगर्मी को काफी बढ़ा दिया है.
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— Sarkarnama (@SarkarnamaNews) June 9, 2024
कल्पना सोरेन के विधायक बनने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं होने लगी हैं जिनमें नेतृत्व परिवर्तन से लेकर संभावित मंत्रिमंडल विस्तार तक की बातें शामिल हैं. इस जीत ने न केवल सोरेन परिवार की राजनीतिक पकड़ को मजबूत किया है बल्कि झारखंड की राजनीति में भी एक नया अध्याय शुरू कर दिया है.
Kalpana Soren लेंगी विधायक पद की शपथ
गांडेय विधानसभा उपचुनाव में नव-निर्वाचित विधायक कल्पना सोरेन सोमवार को झारखंड विधानसभा की सदस्य के रूप में शपथ ले सकती हैं. झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन समेत झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के कोटे के मंत्रीगण भी उपस्थित रहेंगे. यह शपथ ग्रहण समारोह राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है. कल्पना सोरेन की विजय और उनकी शपथ ग्रहण से झारखंड की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार हुआ है.
मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी में राज्य सरकार
टेंडर मैनेज करने के मामले में गिरफ्तार कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर से उनके विभाग ले लिए गए हैं. इस घटनाक्रम के बाद राज्य सरकार से जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार की उम्मीद की जा रही है. फिलहाल उनके विभागों को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने अपने पास रखा है. मंत्रिमंडल में शामिल होने की रेस में महगामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह सबसे आगे चल रही हैं.
Kalpana Soren News: राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव
जमीन घोटाले से जुड़े एक मामले में जेल जाने से पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम जोरशोर से उछला था. हालांकि पार्टी ने अंततः अपने वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया. अब उपचुनाव जीतने के बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री पद के लिए कल्पना सोरेन के नाम की चर्चा हो रही है.
इस राजनीतिक बदलाव ने झारखंड की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है. कल्पना सोरेन की संभावित भूमिका और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सभी की निगाहें राज्य सरकार पर टिकी हुई हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में झारखंड की राजनीति किस दिशा में अग्रसर होती है.
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