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झारखंड को मणिपुर बनाना चाहती है बीजेपी: Kalpana Soren

जेल में हेमंत सोरेन को है जान का खतरा, स्टेन स्वामी मामले का दिया हवाला

Ranchi: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी Kalpana Soren ने भाजपा के खिलाफ अक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है.

सोशल मीडिया के जरिए कल्पना सोरेन ने झारखंडवासियों से आह्वान किया कि अगर वे हेमंत सोरेन के पक्ष में मजबूती से खड़े नहीं हुए तो भाजपा के लोग इस राज्य को मणिपुर बनाने से नहीं चूकेंगे. 31 जनवरी को लैंड स्कैम मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से उनके सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उनकी पत्नी कल्पना सोरेन संभाल रही हैं. गांडेय विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद यह पहली बार है जब कल्पना सोरेन ने भाजपा पर इतना तीखा हमला किया है.

कल्पना सोरेन का यह बयान झारखंड की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है. उन्होंने अपने पोस्ट में भाजपा पर तीखे शब्दों में हमला करते हुए कहा कि झारखंडवासियों को एकजुट होकर अपने राज्य के भविष्य के लिए खड़ा होना होगा.

कल्पना सोरेन ने दिवंगत फादर स्टेन स्वामी को आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता बताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि पुलिस हिरासत में उनकी मौत भारत के लोकतंत्र और मानवाधिकार पर काला धब्बा है. उन्होंने चुनाव परिणाम को उनकी मौत का बदला लेने की शुरुआत बताते हुए इसकी तुलना की है. कल्पना सोरेन ने लिखा है कि जेसुइट पादरी फादर स्टेन स्वामी 84 साल के थे और वह आदिवासी अधिकार की लड़ाई लड़ रहे थे.

कल्पना ने लिखा कि इतनी उम्र और पार्किंसन रोग से ग्रसित होने के बावजूद भाजपा सरकार ने झूठे आतंकवाद का आरोप लगाकर उन्हें जेल में रखा. उन्हें जमानत नहीं दी गई और चिकित्सा उपचार से वंचित रखा गया. पानी पीने के लिए 25 पैसे का एक स्ट्रॉ तक नहीं दिया गया. जेल में लगातार स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण फादर स्टेन स्वामी की 5 जुलाई 2021 को हिरासत में ही मौत हो गई.

उनकी मौत भाजपा की नीति का उदाहरण है जो विपक्ष एवं आदिवासियों को दबाने और मानवाधिकार कार्य को अपराधीकरण करने के लिए आतंकवाद का बहाना बनाती है.

कल्पना सोरेन ने लिखा है कि जैसे सबसे कमजोर वर्ग के लिए आवाज उठाने वाले फादर स्टेन को संस्थागत उपेक्षा और अन्याय से चुप कराया गया आज उसी तरह का जुल्म हेमंत सोरेन पर हो रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर फादर स्टेन स्वामी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तस्वीर भी साझा की है.

इस तरह के बयान और तस्वीरें उनकी रणनीति का हिस्सा हैं जो बताती हैं कि वे भाजपा के खिलाफ कितनी मजबूत और मुखर हैं. कल्पना सोरेन का यह संदेश झारखंड के लोगों के बीच तेजी से फैल रहा है जो राज्य की राजनीति में एक नई दिशा की ओर संकेत कर रहा है.

झामुमो ने Kalpana Soren की भावना पर दी प्रतिक्रिया

अब सवाल उठता है कि क्या कल्पना सोरेन को इस बात का डर सता रहा है कि जेल में बंद हेमंत सोरेन के साथ भी किसी तरह की अनहोनी हो सकती है. झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि इसकी चर्चा पूरे झारखंड में हो रही है. आखिर हेमंत सोरेन को बेबुनियाद आरोप में जेल में क्यों रखा गया है? कहीं ऐसा तो नहीं कि उनके साथ भी स्टेन स्वामी की तरह किसी तरह की साजिश रची जा रही हो? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि कई नेताओं पर गंभीर आरोप हैं फिर भी वे बाहर घूम रहे हैं.

जबकि हेमंत सोरेन को जमीन से जुड़े दीवानी मामले में जेल में डाला गया है. यह ईडी का काम ही नहीं है. सभी जानते हैं कि भाजपा अपनी मंशा पूरी करने के लिए कुछ भी कर सकती है. वह एक संवेदनहीन पार्टी है.

भाजपा ने दी प्रतिक्रिया

Kalpana Soren द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है. प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि स्टेन स्वामी किस वजह से गिरफ्तार हुए थे यह जानकारी कल्पना सोरेन को जरूर होगी। रही बात हेमंत सोरेन की तो वह अकारण जेल में नहीं गए हैं. देश के नामी-गिरामी वकील उनकी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक गए हैं फिर भी जमानत नहीं मिल रही है.

उन्होंने कहा कि कल्पना सोरेन भावनात्मक मुद्दे उठाकर उस समाज को यह संदेश देना चाहती हैं कि स्टेन स्वामी के साथ अन्याय हुआ था और वह उनके साथ खड़ी हैं. यह उनकी तुष्टिकरण की नीति का हिस्सा है.

कब चर्चा में आए स्टेन स्वामी

आपको बता दें कि भीमा कोरेगांव केस में एनआईए ने स्टेन स्वामी को रांची से गिरफ्तार किया था. एनआईए का आरोप था कि उनका नक्सलियों से संबंध था. आठ माह तक जेल में रहने के दौरान उनकी तबीयत खराब होती जा रही थी. मुंबई हाईकोर्ट के आदेश पर होली फैमिली अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. इसी बीच 5 जुलाई 2021 को उनका निधन हो गया था. उनकी मौत पर राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा था कि वह न्याय और मानवता के पात्र थे.

हालांकि एनआईए की दलील थी कि 31 दिसंबर 2017 को पुणे के नजदीक भीमा कोरेगांव में स्टेन स्वामी के भड़काऊ भाषण की वजह से ही हिंसा भड़की थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

 

 

 

 

 

 

 

 

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