झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में इंडिया ब्लॉक ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। 81 सीटों वाले इस राज्य में इंडिया ब्लॉक करीब 50 सीटें जीतने की ओर बढ़ता दिख रहा है, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए लगभग 30 सीटों पर सिमटता नजर आ रहा है। हेमंत सोरेन की नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के प्रदर्शन को पांच मुख्य कारकों ने मजबूत किया।
झारखण्ड जीत गया है….
झारखण्ड की जनता का हार्दिक आभार और जोहार!
आज इस ऐतिहासिक अवसर पर समस्त राज्यवासियों को अनेक-अनेक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार।
जय झारखण्ड!
जय जय झारखण्ड! pic.twitter.com/4aYhSvzcWO— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 23, 2024
Hemant Soren News: जेएमएम और कांग्रेस की एकजुटता
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की राज्य में मजबूत पकड़ और कांग्रेस के साथ गठबंधन ने मतदाताओं को बांधे रखा। राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर गठबंधन में सामंजस्य ने विपक्षी वोटों को बंटने से रोका। क्षेत्रीय दलों की एकजुटता ने इंडिया ब्लॉक को रणनीतिक बढ़त दिलाई।
Hemant Soren News: आदिवासी मुद्दों पर फोकस
झारखंड में आदिवासी और ग्रामीण वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इंडिया ब्लॉक ने आदिवासियों के वनाधिकार, जमीन सुरक्षा, और सरना धर्म कोड जैसे मुद्दों पर भरोसा दिलाया। बीजेपी की कोशिशों के बावजूद आदिवासी मतदाताओं ने इंडिया ब्लॉक को ज्यादा भरोसेमंद माना।
Hemant Soren की लोकप्रियता
हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई और जेल जाने के बावजूद उनकी छवि एक मजबूत और संघर्षशील नेता की बनी। यह कदम जनता द्वारा केंद्र की बदले की कार्रवाई के रूप में देखा गया। सोरेन सरकार की महिला कल्याण, रोजगार, और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं ने मतदाताओं को प्रभावित किया।
Hemant Soren news: बीजेपी की रणनीतिक असफलता
चुनाव में बीजेपी अपनी मजबूत रणनीतिक छवि को बरकरार नहीं रख सकी। सीटों के बंटवारे और उम्मीदवार चयन में देरी, साथ ही स्थानीय मुद्दों की अनदेखी ने पार्टी को कमजोर कर दिया। बीजेपी का ग्रामीण और आदिवासी मतदाताओं से जुड़ाव कमजोर नजर आया।
इंडिया ब्लॉक की कारगर रणनीति
इंडिया ब्लॉक ने सीट बंटवारे में संतुलन बनाए रखा और वोटों के बंटवारे को रोकने में सफलता पाई। सामूहिक रैलियों और गठबंधन की एकजुटता के प्रदर्शन से मतदाताओं को भरोसा दिलाया गया। साथ ही बीजेपी के खिलाफ लोकतंत्र और संविधान की रक्षा जैसे भावनात्मक मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाया।