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कमलदेव गिरि की हत्या की हो सीबीआई जाँच, Raghubar Das ने लिखा अमित शाह को पत्र

सेवा में

श्री अमित शाह

मा० गृह मंत्री,

भारत सरकार, नई दिल्ली।

विषय : श्री कमलदेव गिरि, युवा हिन्दुवादी नेता चक्रधरपुर, प० सिंहभूम की निर्मम हत्या की जांच सी०बी०आई० (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) से कराने के सम्बंध में

महोदय,

उपर्युक्त विषय के संबंध में कहना है कि श्री कमलदेव गिरि, युवा हिन्दूवादी नेता, चक्रधरपुर के रहने वाले थे। ये अपने क्षेत्र में समाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यों में काफी रुचि लेते थे । चक्रधरपुर, प०सिंहभूम के सभी लोगों का जुड़ाव इनसे रहा है। श्री गिरि की क्षेत्र में लगाव एवं लोकप्रियता एक समुदाय को बर्दाश्त नहीं हो रही थी। वे लोग इन्हें अपने अवैध एवं असंवैधानिक गतिविधियों के मार्ग में रोड़ा समझते थे। इन्हें रास्ते से हटाने के लिए इनकी दिनांक 12-11-2022 शनिवार संध्या में बोतल बम मारकर हत्या कर दी, जब वे चक्रधरपुर में भारतीय जनता पार्टी के वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात कर वापस घर लौट रहे थे। श्री गिरि की हत्या के बाद पूरे चक्रधरपुर समेत आस-पास के जिलों में काफी आक्रोश उत्पन्न हो गया। राज्य के उभरते नेता की सरेआम हत्या से लोग काफी दुःखी है। श्री गिरि की हत्या के विरोध में 15/11/2022 को चक्रधरपुर बंद का व्यापक रूप से असर रहा। इनकी हत्या करने वाले द्वारा चक्रधरपुर में डर का माहौल कायम किया जा रहा है। पुलिस इनकी हत्या में शामिल अपराधियों को अब तक चिन्हित कर गिरफ्तार करने में नाकाम रही है।

उल्लेखनीय है कि श्री कमलदेव गिरि एक सामाजिक, धार्मिक युवा हिन्दूवादी नेता थे। इन्हें हत्या के 15 दिन पूर्व फोन पर अज्ञात अपराधियों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई थी, जिसकी सूचना उन्होंने संबंधित थाने एवं SP/DC प० सिंहभूम को दी थी। तथा अपने ऊपर कोई अनहोनी घटना घटित होने का संकेत देते हुए अपनी तथा अपने परिवार की सुरक्षा मांगी थी । स्व० गिरि के इन तथ्यों को पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील होकर संज्ञान में ले लिया गया होता तो उनकी हत्या नहीं होती।

स्व० गिरि के हत्यारे की अभी तक पहचान कर गिरफ्तारी नहीं होना राज्य की सत्तारूढ़ श्री हेमन्त सोरेन सरकार द्वारा संरक्षण एवं मिलीभगत परिलक्षित होती है। श्री गिरि की हत्या की जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है। वर्तमान सत्तारूढ़ दल राज्य के सामाजिक कार्यकर्ताओं / हिन्दूवादी नेताओं की चुन-चुन कर हत्या कराने पर आमादा हो गई है। श्री गिरि की हत्या में भाड़े के दुर्दांत अपराधियों का सहयोग लेने की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस ऐसी घटनाओं के मामले में मूकदर्शक बन बैठी है।

यहाँ पर यह भी उल्लेख करना उचित है कि तीन वर्ष पूर्व पिछली भाजपा सरकार द्वारा राज्य एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक में राज्य के सभी जिलों में लगभग 1000 दुर्दांत अपराधियों व नक्सलियों पर सीसीए / एनएसए लगाकर राज्य की जेलों में बंद किया गया था। तथा अपराधियों की स्पीडी ट्रायल के माध्यम से न्यायालय द्वारा उनके विरुद्ध वादों की सुनवाई कर कानून एवं विधि व्यवस्था को काफी नियंत्रित किया गया था। इस व्यवस्था से राज्य में अपराध का ग्राफ काफी कम हो गया था। उक्त अवधि में सीसीए / एनएसए के नाम से अपराधियों में भय उत्पन्न हो गया ।

हिन्दूवादी युवा नेता श्री कमलदेव गिरि की निर्मम हत्या राजनीतिक हत्या है। इसमें संलिप्त व्यक्तियों की पहचान केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा कराने की आवश्यकता है ताकि इस हत्या को अंजाम देनेवाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें कड़ी सजा दिलाई जा सके।

अतः मेरा अनुरोध है कि श्री कमलदेव गिरि की हत्या की जांच केन्द्रीय अन्वेषन ब्यूरो (CBI) से कराने तथा इस जघन्य हत्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीप दण्ड विधान की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्रवाई करने की कृपा की जाए

भवदीय

 

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