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कैमरून में फंसे Jharkhand के 27 प्रवासी मजदूरों की हुई घर वापसी, मुख्यमंत्री हेमंत ने वीडियो कॉल के जरिये की बातचीत

Ranchi: मध्य अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे झारखंड के 27 मजदूर भारत वापस आ गए हैं. मजदूरों को मुंबई से गिरिडीह ट्रेन से लाया गया.

वतन वापसी के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने मजदूरों से वीडियो कॉल के माध्यम से बात की और उन्हें 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की.

Jharkhand की धरती पर कदम रखते ही चेहरों पर आई मुस्कान

अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे झारखंड के 27 प्रवासी मजदूरों की वतन वापसी हो गई है. सभी श्रमिकों ने आज सुबह झारखंड की धरती में कदम रखा। ये सभी मजदूर बुधवार सुबह मुंबई मेल ट्रेन नंबर 12322 से सुबह 4:19 बजे पारसनाथ स्टेशन पहुंचे. स्टेशन पर जिला प्रशासन ने सभी श्रमिकों का स्वागत किया. इस मौके पर झारखंड लौटने पर सभी मजदूरों के चेहरों पर खुशी छाई हुई थी. सभी श्रमिकों ने सीएम हेमंत सोरेन का आभार व्यक्त किया.

Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा सरकार खड़ी है आपके साथ

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी मजदूरों से वीडियो कॉल के जरिये बात की और कहा कि अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के अपने 27 लोगों की परेशानियों के बारे में जानकारी मिली थी. जानकारी मिलने के बाद झारखंड सरकार द्वारा पहल कर उन्हें लगभग कुल 30 लाख की बकाया राशि का भुगतान कराया गया और राज्य वापस लाया गया.

Hemant Soren

सभी मजदूरों को 25-25 हजार की सहायता राशि दी गई

सीएम हेमंत सोरेन ने गिरिडीह में श्रमिकों से बात करते हुए उन्हें 25-25 हजार की सहायता राशि प्रदान की. इस दौरान गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी श्रमिकों के साथ मौजूद रहीं. सीएम हेमंत सोरेन ने सभी श्रमिकों को हमेशा राज्य सरकार के संपर्क में रहने को कहा.

कैमरून में फंसे थे Jharkhand के प्रवासी मज़दूर

बता दें कि हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह के 27 मजदूर कैमरून में फंस गए थे. दरअसल कंपनी ने वहां काम करवाने के बाद उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं दिया था जिससे कि उन्हें खाने-पीने की दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इससे परेशान होकर मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो डालकर सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. झारखंड सरकार ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था.

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उसके बाद विदेश मंत्रालय ने सक्रियता दिखाते हुए सभी मजदूरों की सकुशल वापसी सुनिश्चित की. इस घटना से एक बार फिर साबित हो गया है कि झारखंड सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा और सहायता के लिए तत्पर है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की संवेदनशीलता और तत्परता ने इन मजदूरों के जीवन में एक नई उम्मीद जगाई है.

 

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