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Rural Development, वन एवं जल वायु विभाग, एवं नागर समाज संगठन के प्रतिनिधियों ने बुधवार को

JHAR-CRISP के झारखण्ड में क्रियान्वयन हेतु चर्चा में भाग लिया

Ranchi: ग्रामीण विकास, वन एवं जल वायु विभाग, एवं नागर समाज (Rural Development) संगठन के प्रतिनिधियों ने बुधवार को एक तकनीकी कार्यशाला में भाग लेकर झारखण्ड जलवायु सूचना प्रणाली एवं योजना निर्माण यन्त्र (JHAR-CRISP) के झारखण्ड में क्रियान्वयन हेतु चर्चा में भाग लिया।

Rural Development: सूखे कि स्थिति में पूर्व सूचना प्रणाली भी शामिल हैं

यह कार्यशाला दिनांक 23 अगस्त को मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन एवं ब्रिटेन के राजदूत श्री अलेक्स एलिस के द्वारा लोकार्पण के फलस्वरूप किया गया। इस यन्त्र को International Institute for Environment and Development (IIED) एवं विभिन्न तकनीकी संस्थानों के साझा प्रयास से विकसित किया गया हैं जिसमे सूखे कि स्थिति में पूर्व सूचना प्रणाली भी शामिल हैं.

Rural Development: इसके क्रियान्वयन से ग्रामीण समुदाय को जलवायु परिवर्तन से जूझने एवं तैयार रहने में मदद मिलेगी

यह यन्त्र ग्रामीण समुदाय को भूगर्भ जलीय स्थिति में बदलाव, जल बहाव, वर्षा पैटर्न इत्यादि में बदलाव एवं भविष्य में होने वाली जलवायु की स्थिति को दर्शाता हैं, जिससे जल संरक्षण हेतु दीर्घ कालिक योजना निर्माण में सहायता मिलती हैं. झारखण्ड कुछ विशेष राज्यों में से एक है, जहाँ इस यन्त्र को बढावा दिया जा रहा हैं. इसके क्रियान्वयन से ग्रामीण समुदाय को जलवायु परिवर्तन से जूझने एवं तैयार रहने में मदद मिलेगी।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा, सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार, डॉ राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एवं श्री मनीष रंजन, सचिव ग्रामीण विकास विभाग झारखण्ड ने भाग लिया. अपने विशेष संबोधन में श्री एन एन सिन्हा ने झारखण्ड में JHAR-CRISP यन्त्र के महत्व को बताया। कहा, इससे सतत विकास हो सकेगा।

Rural Development: इस यन्त्र के माध्यम से योजना निर्माण से लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन एवं परिणाम में बदलाव देखा जा सकेगा.

श्री राजीव अरुण एक्का ने कहा कि इस यन्त्र से योजना निर्माण में सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे मनरेगा कार्यक्रम को और बल मिलेगा. श्री मनीष रंजन ने कहा कि इस यन्त्र के माध्यम से योजना निर्माण से लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन एवं परिणाम में बदलाव देखा जा सकेगा.

IIED UK की मुख्य शोधकर्ता ने JHAR-CRISP की विशेषताओं पर बल देते हुए कहा कि इससे सूखे कि स्थति से बेहतर तरीके से निपटा जा सकेगा. श्री अबू बककर सिद्दीकी, सचिव, कृषि विभाग झारखण्ड सरकार ने JHAR-CRISP यन्त्र को कृषि विभाग के लिए भी उपयोगी बताया.

कार्यक्रम के अंत में श्रीमती राजेश्वरी बी., कमिश्नर मनरेगा ने कहा कि इस यन्त्र की उपयोगिता को समझने के लिए झारखण्ड के विभिन्न विकास आयामों को गहन रूप से समझने कि जरूरत हैं, जिससे कि योजना निर्माण में व्यापकता आ सके.

इस यंत्र को ग्रामीण जनता के बीच में ले जाया जाएगा, जिससे कि वे इसका समुचित उपयोग कर सके

फिया फाउंडेशन द्वारा JHAR-CRISP यन्त्र को राज्य में क्रियान्वयन किया जा रहा हैं. फाउंडेशन के क्षेत्रीय कार्यक्रम अधिकारी श्री जॉनसन टोपनो ने कहा कि इस यन्त्र को आगे लेकर चलने हेतु एक ओर जहाँ राज्य स्तर पर PMU बनाने पर बल दिया जाएगा, वहीँ दूसरी तरफ इस यंत्र को ग्रामीण जनता के बीच में ले जाया जाएगा, जिससे कि वे इसका समुचित उपयोग कर सके.

जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने हेतु संस्था का प्रयास हैं कि मनरेगा के साथ साथ अन्य विभाग जैसे कृषि, वन एवं पर्यावरण, जल संसाधन विभाग साथ में आकर गाँव के सर्वांगीण विकास हेतु योजना तैयार करेंगे।

 

 

 

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