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रांची को मिला नया सौगात: Siramtoli Flyover हुआ उद्घाटित, जानिए इसकी खास बातें

Siramtoli Flyover: राजधानी रांची में आज बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिरमटोली चौक से राजेंद्र चौक तक बने 2.34 किलोमीटर लंबे फोरलेन फ्लाईओवर, एलिवेटेड पथ और रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का उद्घाटन किया। यह परियोजना राजधानी में यातायात की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक का समाधान बनने जा रही है।

Siramtoli Flyover: परियोजना का संक्षिप्त विवरण

  • लंबाई: 2.34 किमी
  • निर्माण अवधि: 3 वर्ष से कम
  • कनेक्टिविटी: सिरमटोली चौक – राजेंद्र चौक – सुजाता चौक
  • समय की बचत: यात्रा समय 30 मिनट से घटकर 5 मिनट

Siramtoli Flyover: तकनीकी विशेषताएं

  • 132 मीटर लंबा एक्सट्रा-डोज्ड केबल-स्टे ब्रिज: झारखंड का पहला
  • 42 मीटर ऊंचे चार पायलन: अद्वितीय आर्किटेक्चरल सौंदर्य
  • 1914 मीटर लंबा मुख्य स्ट्रक्चर: जिसमें स्टील स्ट्रक्चर का विशेष प्रयोग
  • बोरोपाइलिंग तकनीक: देश में पहली बार रेलवे लाइन पर इस तकनीक का उपयोग, जो ब्रिज को अतिरिक्त मजबूती और स्थायित्व प्रदान करता है

Siramtoli Flyover: निर्माण में आई चुनौतियाँ और समाधान

  • 51 इमारतें, मंदिर, कब्रिस्तान, पाइपलाइन और बिजली पोल को स्थानांतरित कर निर्माण किया गया
  • रेलवे और हाईकोर्ट की सख्त मंजूरी प्राप्त की गई
  • सिरमटोली सरना स्थल के समीप संरचना को 131 मीटर से घटाकर 84 मीटर किया गया, ताकि धार्मिक स्थल की गरिमा बनी रहे

Siramtoli Flyover: सुरक्षा और गुणवत्ता

  • माइक्रो पाइल्स, प्रीकास्ट पाइल कैप और गर्डर्स से निर्माण
  • शून्य दुर्घटना रिकॉर्ड, जो इस परियोजना को तकनीकी दक्षता और सुरक्षा का प्रतीक बनाता है

ट्रैफिक और शहर को लाभ

  • 40% ट्रैफिक डायवर्जन से सुजाता चौक और राजेंद्र चौक की जाम की समस्या में भारी कमी
  • नागरिकों का समय और ईंधन दोनों की बचत
  • रांची की यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उद्घाटन के अवसर पर कहा,
“यह फ्लाईओवर सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि रांची के नागरिकों के जीवन को सरल और सुरक्षित बनाने का एक प्रयास है। यह झारखंड की नई दिशा और विकासशील सोच का प्रतीक है।”

सिरमटोली-मेकॉन फ्लाईओवर न सिर्फ रांची की ट्रैफिक समस्या का समाधान लाएगा, बल्कि यह पूरे झारखंड में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का उदाहरण बनेगा। अत्याधुनिक तकनीक, सामाजिक संवेदनशीलता और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के मेल से यह परियोजना राज्य की शान बन चुकी है।

 

 

 

 

 

 

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