रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भाजपा के ‘मिला क्या’ अभियान को हताश का परिणाम बताया है। झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांण्डेय ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि पूर्व की भाजपा सरकारों की तुलना में हेमंत सरकार ने कई-कई गुना ज्यादा दिया है।
विभाजनकारी राजनीति करने वाली भाजपा को और करारा जवाब दिया जाएगा: JMM
भाजपा ने 20 साल तक सुनियोजित तरीके से जानबूझकर कर झारखंड को पिछड़ा रखने का काम किया। हेमंत जी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी तो सत्ता लोलुप भाजपा को खून के घूंट पीने पड़ गए। 2019 से लेकर अभी तक भाजपा के हर षड्यंत्र को हर बार करारा जवाब दिया है हेमन्त सोरेन जी ने, और आगे भी विभाजनकारी राजनीति करने वाली भाजपा को और करारा जवाब दिया जाएगा।
राज्य में हेमंत सरकार हर क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य कर रही है। प्रत्येक गांव और टोला को सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काफी तेजी से काम हो रहा है। केंद्र के असहयोग के बावजूद राज्य सरकार सभी गरीबों को अबुआ आवास राज्य के पैसे से दे रही है। हेमन्त सरकार ने भाजपा की तुच्छ और षड्यंत्रकारी राजनीति को बार-बार धूल चटवा कर लोगों को हमेशा अधिकार देने का काम किया।
हेमंत सरकार ने गांव-गांव, घर-घर पहुंचकर जन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया है: JMM
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की उपलब्धियों की सूची इतनी लंबी और गहरी है कि भाजपा के नेता उसे न तो छुू पाएंगे न ही हल्की करने में कभी कामयाब हो पांएगे। भाजपा के नापाक मंसूबे झारखंड में कभी पूरे नहीं होंगे। हेमंत सरकार ने गांव-गांव, घर-घर पहुंचकर जन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया है। हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं और नीतियां बनाई है और इसे धरातल पर उतारा है।
झारखंड की सांस्कृतिक पहचान और झारखंडी अस्मिता को बचाए रखते हुए यहां की मिट्टी में रची-बसी परम्पराओं को पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया है। सदियों से शोषित और वंचित झारखंड के आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों को उनका हक-अधिकार दिलाकर उन्हें यह भरोसा दिलाया है कि झारखंड के विकास में उनकी भी बराबर की भागीदारी है। लेकिन, इस विकास के रास्ते में कई चुनौतियां भी आई। उनकी सरकार गठन के तुरंत बाद कोरोना महामारी के प्रकोप ने जीवन और जीविका को बुरी तरह प्रभावित किया।
इस भयंकर आपदा के कुप्रभाव से निकलने में हमें डेढ़ से दो वर्ष का समय लग गया। इतना ही नहीं, निहित स्वार्थ से प्रेरित कुछ विकास विरोधी तत्वों द्वारा झारखंड के विकास के रास्ते में बार-बार परेशानियां खड़ी करने का कुत्सित प्रयास भी किया गया। लेकिन, जनता के अटूट विश्वास और भरोसे की बदौलत हमने हर कठिनाई और बाधा का डटकर मुकाबला किया और विरोधी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके।
उन्हें पूरा विश्वास है कि अगर इरादों में मजबूती हो, दिल में विश्वास हो और नियत में ईमानदारी हो, तो दुनिया की कोई ताकत आपको झुका नहीं सकती।
विनोद पांडेय ने कहा कि झारखंड के युवाओं को राज्य में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनके पलायन को रोकने के लिए हमारी सरकार द्वारा झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 लागू किया गया है, जिसके तहत् 40,000/- रुपये तक मासिक वेतन या मजदूरी पाने वाले पदों के विरुद्ध 75 प्रतिशत पद पर स्थानीय निवासियों की नियुक्ति की जानी है।
झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से भी पलायन को रोकना सरकार की प्राथमिकता है: JMM
राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभ लेकर अब तक 02 लाख से ज्यादा नौजवान युवा एवं युवती निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर चुके हैं। झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से भी पलायन को रोकना सरकार की प्राथमिकता है। सीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और पिछड़ापन को दूर करने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा अन्तर्गत 900 लाख अनुमोदित मानव दिवस के विरूद्ध अब तक 409 लाख मानव दिवस का सृजन करते हुए कुल 1411 करोड़ रुपये की राशि का व्यय किया जा चुका है। मानव दिवस सृजन में महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत है।
मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से संचालित बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना तथा बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना से भी ग्रामीण क्षेत्र में खुशहाली आयी है। लगभग ढाई लाख सखी मंडलों का गठन कर 32 लाख परिवारों को सखी मंडल में जोड़ा जा चुका है तथा इन्हें 445 करोड़ रुपये चक्रीय निधि के रूप में, 1803 करोड़ सामुदायिक निवेश निधि के रूप में एवं 11,224 करोड़ रुपये क्रेडिट लिंकेज के रूप में उपलब्ध कराया गया है।
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विनोद पांडेय ने कहा कि हक-अधिकार और मान-सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष करना तो हमारी परम्परा रही है। अब झारखंड की फिजाएं बदल गई हैं। झारखंड के गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक अब खुद को मजबूर और असहाय महसूस नहीं करते, बल्कि उनमें एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ है। हर चेहरे पर उम्मीद की नई किरणें दिख रही हैं। हम जनता से किये हर वादे को पूरी संजीदगी से निभाने का प्रयास कर रहे हैं।
अक्टूबर तक 35 हजार की नियुक्ति होगी
उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार से जोड़ना हमारे सरकार की पहली प्राथमिकता रही है। राज्य के होनहार युवाओं को पोस्ट ग्रेजुएट प्रशिक्षित शिक्षकों, चिकित्सक, असिस्टेंट टाउन प्लानर, सहायक अभियंता, कृषि पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, पशु चिकित्सक, लिपिक, पंचायत सचिव, अकाउंटेंट, प्रयोगशाला सहायक, ए ग्रेड नर्स, कनीय अभियंता, दन्त चिकित्सक आदि पदों पर हजारों की संख्या में नियुक्तियां की गई है।
वहीं झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 35 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रियाधीन है, जिसे अक्टूबर, 2024 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। इसमें मुख्य रूप से उत्पाद सिपाही, आरक्षी, सहायक आचार्य, महिला पर्यवेक्षिका आदि पदों पर नियुक्ति की जानी है। झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 11-13 वीं सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया भी अंतिम चरणों में है, जल्द ही 342 पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षाफल प्रकाशित किए जाएंगे। जो युवा स्वरोजगार करना चाहते हैं उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए अनुदानित दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत् कुल 12,417 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं और लाभुकों के बीच 262 करोड़ रु. का ऋण वितरित किया गया है। राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के निमित मुख्यमंत्री सारथी योजना चलाई जा रही है।
इस योजना के तहत लाखों युवाओं को बिरसा केन्द्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ युवाओं को प्रतिमाह 1000 /- रुपये तथा युवतियों एवं दिव्यांगजनों को 1500/- रुपये प्रतिमाह रोजगार प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विगत साढ़े चार वर्षों में झारखण्ड में महिला समूह से जुड़ी लाखों दीदी-बहनों को झारखण्ड की अबुआ सरकार ने ₹10 हजार करोड़ से अधिक की राशि बैंक क्रेडिट/ लिंकेज के तहत भी प्रदान की है जिससे वह अपनी आजीविका बढ़ा रही हैं। इससे हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ हो रही है। पूर्व की भाजपा सरकारों की तुलना में यह राशि 12 गुना ज्यादा है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना सरकार प्राथमिकता है।
फूलो झानों आशीर्वाद अभियान, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना से महिलाओं को आजीविका का सम्मानजनक विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है। सखी मंडल और पलाश ब्रांड के जरिए ग्रामीण महिला श्रम शक्ति को सम्मान मिला है। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के अन्तर्गत 8 लाख से अधिक किशोरियों को उनकी शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किया जा रहा है।
इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए हेमंत सरकार ने एक नई और महत्वाकांक्षी योजना झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की शुरूआत की है। इस योजना से झारखण्ड की 48 लाख महिलाओं को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है। बड़ी संख्या में महिलाओं को इसकी पहली किश्त मिल चुकी है।
जरूरतमंदों को आवास और किसानों का कर्ज माफ
उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार “अबुआ आवास योजना” के माध्यम से गरीबों को तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध करा रही है। 35 लाख जरूरतमंद को पेंशन, 20 लाख अतिरिक्त लोगों को राशन और 57 लाख से अधिक लोगों को वर्ष में दो बार वस्त्र प्रदान कर रही है। ऋण के बोझ से दबे अन्नदाता किसानों को झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के माध्यम से सरकार राहत पहुंचा रही है। अब इस योजना के तहत हमने दो लाख रुपए तक का कृषि ऋण माफ किए जाने का निर्णय लिया है।
बिरसा हरित ग्राम योजना और मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना के माध्यम से फसल नुकसान होने की स्थिति में किसानों को उसकी क्षतिपूर्ति के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के नेता आक्रोश रैली में पुलिस को उकसाने के लिए पहले से तैयारी करके आए थे, ताकि बलपूर्वक कार्रवाई की जाए और फिर भाजपा के नेता इस तरह के फुटेज का इस्तेमाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए कर सकें। राज्य सरकार को हरेक नागरिक की सुरक्षा की चिंता है। किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जा सकता। पुलिस ने भाजपा नेताओं के उग्र होने के बाद ही उन्हें नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जनहित में कार्रवाई की है।
झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि पहले इन्हें बताना चाहिए कि भाजपा ने अपने 20 साल के शासनकाल में राज्य को गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा, सांप्रदायिकता के अलावा दिया क्या है। बगैर नाम लिए कहा कि कुछ हवा-हवाई नेता झारखंड की जमीनी स्थिति से अवगत नहीं हैं। चुनाव के बाद वे यहां नहीं दिखेंगे। वे चुनावी पिकनिक पर आ रहे हैं। उन्हें राज्य से कुछ लेना-देना नहीं है। इनके एक नेता ने आदिवासियों की जमीन के सुरक्षा कवच सीएनटी एक्ट में संशोधन करने का प्रयास किया।
आदिवासियों से उनके हक-अधिकार छीने गए। आरंभ में ये हिन्दू-मुस्लिम की बातें कर सांप्रदायिकता फैलाना चाहते थे। इसकी हवा निकल गई तो अब ये नया जुमला लेकर आए हैं। इसकी भी हवा निकल जाएगी, जब वे हेमंत सरकार के उपलब्धियों की लंबी सूची देखेंगे। हेमंत सरकार के कामकाज और लोकप्रियता को देखकर पूरी भाजपा हताशा में है।
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