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किसी भी लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव अनिवार्य: Rajesh Thakur

Ranchi: आज कांग्रेस भवन, रॉंची में झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष Rajesh Thakur ने संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव सह कार्यालय प्रभारी अमूल्य नीरज खलखो, प्रदेश महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, प्रवक्ता ऋषिकेश सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।  प्रदेश अध्यक्ष श्री ठाकुर ने अपने संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि 1ण् दोस्तों, 18वीं लोक सभा के आम चुनाव की घोषणा तो हो चुकी है, देश का हर एक नागरिक इसमें भाग लेने के लिए उत्सकु है। भारत पूरी दुनिया में अपने लोकतंत्र मूल्यों और आदर्शों के लिए जाना जाता है।

किसी भी लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव अनिवार्य होता है: Rajesh Thakur

2ण् आपको तो मालूम ही होगा ये रीसेंटली किन-किन देशों में ऐसा हुआ है। तो ये सत्ताधारी दल द्वारा एक खतरनाथ खेल खेला गया है। इसके दूरगामी प्रभाव होंगे, पर ये स्पष्ट है कि इस तरीके से किसी राजनीतिक दल को असहाय बनाकर चुनाव लड़ने में बाधा उत्पन्न कर आए और फ्री एंड फेयर इलेक्शन कभी नहीं कहा जा सकता।
3ण् लोकतंत्र के उपर किस प्रकार का खतरा मंडरा रहा है, किस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों के उपर हमला हुआ और ये कोशिश की जा रही है कि फाइनेंशियली कांग्रेस पार्टी को पंगू बना दिया जाए। ये केवल कांग्रेस पार्टी के खातों पर नरेन्द्र मोदी सरकार का हमला नहीं है, बल्कि भारत के लोकतंत्र पर हमला है।
अगर प्रमुख विपक्षी पार्टी वित्तीय तौर पर पूरी तरके से पंगू हो जाए, कोई कार्य नहीं कर सके, पब्लिसिटी के उपर पैसा नहीं खर्च कर सके, कैंपेन के उपर पैसा नहीं खर्च कर सके, अपने कैंडिडेट को पैसे नहीं दे सके, तो फिर चुनाव किस बात का है और चुनाव की घोषणा हो चुकी है, पिछले एक महीने से हमारे अपने बैंक अकाउंट्स में पड़े हुए 285 करोड़ रूपए का हम इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। हम लोगों को पब्लिसिटी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अंदर स्लॉट बुक करने है।

सात साल पुराने कैसे फ्रीज किए जा सकते हैं: Rajesh Thakur

हमें सोशल मीडिया के अंदर इस्तेमाल करना है। हमें पोस्टर छपवाने हैं, हमें पैम्पलेट छपवाने है। अगर हम लोग वो काम भी नहीं कर सकते, तो किस प्रकार से लोकतंत्र जिंदा रहेगा और कैसा लोकतंत्र है ये।  समय 2017-18 के एक केस को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2017-18 के बेसिस के उपर सात साल बाद में जाकर हमारे बैंक के खाते अब जाकर फ्रीज किए हैं, उसकी जानकारी दी। मैंने कहा कि ये सात साल पुराने कैसे फ्रीज किए जा सकते हैं और टाइमिंग इसका कैसा है।
हम लोगों के पास में मुख्यतः तीन बातें हैं कहने की। हर पॉलिटिकल पार्टी इनकम टैक्स से एग्जेप्ट होती है। कभी किसी ने भी पैनेल्टी इस तरह से नहीं दी, तो कांग्रेस पार्टी को अकेले क्यों चुना जा रहा है? दूसरा, इसकी टाइमिंग देखिए, 2017-18 का, मोती लाल वोरा जी के टाइम का और 1994-95 का, सीताराम केसरी जी का समय और केवल एक महीना पहले, चुनाव के घोषणा होने से पहले ये काम शुरू किया जाता है।

ये आप लोगों की भी लड़ाई है, मीडिया की भी लड़ाई है: Rajesh Thakur

एक महीने से भी ज्यादा हम अपने पैसे जो हमारे वर्कर ने इकट्ठे किए हैं, वो हम इसका उसका इस्तेमाल नहीं कर पारहे हैं, ये कहॉं की डेमोक्रेसी है, ये कहॉं का लोकतंत्र रह गया है? तो इसलिए हम आपसे कहना चाहते हैं कि केवल हमलोग तो अपनी लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन ये आप लोगों की भी लड़ाई है, मीडिया की भी लड़ाई है, देश की जनता की लड़ाई है। अगर आप इसके अंदर हमें समर्थन नहीं करेंगे, तो लोकतंत्र जिंदा नहीं रहेगा, ना आप रहेंगे, न हम रहेंगे।
हमारा टोटल जो है 14 लाख 40 हजार बनता है, जो 0.07 प्रतिशत है। तो सिर्फ 14 लाख 40 हजार जो हमारा 0.07 प्रतिशत है, उसकी वजह से हमारे उपर 210 करोड़ रूपए से भी अधिक का हमारे उपर लीएन मार्क करके हमें पैनेल्टी लगाई गयी है। तो आप सोचिए 14 लाख 40 हजार के बदले 210 करोड़ रूपए की पैनेल्टी हमारे उपर लगाई गयी है, ये कहॉं का लोकतंत्र है?

वहीं दूसरी ओर चुनावी इलेक्ट्रॉल बांड के जरिए जबरन वसूली रैकेट भाजपा चलायी है: Rajesh Thakur

2018 और 2024 के बीच, भाजपा को चुनावी बांड में कुल ₹16,518 करोड़ में से ₹8,252 करोड़ मिले। कांग्रेस पार्टी को केवल ₹1,950 करोड़ मिले, और इसे भी फ्रीज कर दिया गया है। जबकि भाजपा अपनी लूट को खर्च करने के लिए स्वतंत्र है।
कई पार्टियों को चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त हुआ, क्योंकि सभी दानदाताओं ने गुमनाम रूप से देना पसंद किया। हालाँकि, केवल भाजपा सरकार चला रही हैं जिसके कारण उसका ईडी/सीबीआई/आयकर जैसी जांच एजेंसियों पर नियंत्रण है। इसलिए भाजपा ही बड़े पैमाने पर कंपनियों को मजबूर और ब्लैकमेल कर सकती है।

तीन स्पष्ट अवैध रास्ते हैं जिनका उपयोग भाजपा ने चुनावी बांड जुटाने के लिए कियाः-

हफ्ता वसूली (जबरन वसूली)ः ईडी, सीबीआई या आयकर का उपयोग करके किसी कंपनी पर छापा मारना, और फिर कंपनी को छोड़ने के लिए हफ्ता (“दान“) मांगना। इस तरह 94 कंपनियों को निशाना बनाया गया, जिनमें शीर्ष 30 दानदाताओं में से 14 शामिल थीं।
द न्यूज़ मिनट और न्यूज़लॉन्ड्री की एक जांच में पाया गया कि पिछली चुनावी ट्रस्ट योजना के माध्यम से दान देने वाली 30 कंपनियों ने एजेंसियों द्वारा छापे जाने के बाद अपना दान दिया था।
चंदा दो, धंधा लो (प्रतिदान)ः कुछ मामलों में कंपनियों ने दान दिया और फिर ठेके प्राप्त किए, जबकि अन्य मामलों में उन्हें ठेके मिले और फिर दान के रूप में रिश्वत दी गई। 37 व्यापारिक समूहों ने चुनावी बांड दान दिया जिसके बाद उन्हें 4 लाख करोड़ रुपये की 243 परियोजनाएं सौंपी गईं। ₹4,000 करोड़ का चंदा पैदा हुआ ₹4 लाख करोड़ का धंधा।

भाजपा ने नकदी जुटाने के लिए भारतीयों के स्वास्थ्य के साथ क्या समझौते किए गए?: Rajesh Thakur

अन्य सात दवा कंपनियों की खराब गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए जांच की जा रही थी जब उन्होंने चुनावी बांड खरीदे थे। दवाओं में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले उत्पाद जैसे कफ सिरप, रक्तचाप की दवा और सीओवीआईडी -19 उपचार रेमेडिसविर शामिल हैं। भाजपा ने नकदी जुटाने के लिए भारतीयों के स्वास्थ्य के साथ क्या समझौते किए गए?
फ़र्ज़ी कंपनियाँ (शेल कंपनियाँ)ः 29 संदिग्ध शेल कंपनियाँ हैं जिन्होंने दान दिया। 19 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का उल्लंघन करने के “उच्च जोखिम“ के कारण वित्त मंत्रालय की सूची में रखा गया था। उनकी गतिविधियों को मोदी सरकार की इस शर्त से मदद मिली कि किसी कंपनी के मुनाफे की कोई भी राशि चुनावी बांड के रूप में दी जा सकती है; पहले शुद्ध लाभ की 7.5þ की सीमा थी।
जैसा कि राहुल गांधी जी ने कहा, टीवीपीएम मोदी ने दुनिया में सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट पैदा किया है। उन्होंने सरकार की पूरी मशीनरी को भाजपा के लिए नकदी पैदा करने वाली मशीन में बदल दिया है।

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