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Rural Entrepreneur Project: रांची में शुरू किया गया ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट

आदिवासी युवाओं के बीच कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए

Ranchi: Rural Entrepreneur Project: आदिवासी समुदायों में उनके समावेशी और सतत विकास के लिए कौशल प्रशिक्षण को बढ़ाने हेतु, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने सेवा भारती और युवा विकास सोसाइटी के साथ साझेदारी में आज ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का शुभारंभ किया।

इस पहल के तहत, भारत के युवाओं को मल्टी-स्किल बनाना और उन्हें आजीविका के लिए सक्षम बनाने हेतु फंक्शनल स्किल्स प्रदान करना है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदायों को वर्कफोर्स में शामिल करने, उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने और उन्हें अपने संबंधित भौगोलिक क्षेत्रों में शामिल करने पर जोर दिया है।

Rural Entrepreneur Project: श्री अर्जुन मुण्डा ने कार्यक्रम का शुभांरभ किया

माननीय केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने कार्यक्रम का शुभांरभ किया और माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने समस्त महानुभावों को वर्चुअली सम्बोधित किया और माननीय केन्द्रीय जल शक्ति एवं जनजातीय कल्याण राज्य मंत्री श्री बिश्‍वेश्‍वर टुडु ने अपने उत्साहजनक शब्दों से श्रोतागणों (ऑडियंस) को प्रेरित किया।

इस कार्यक्रम में प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में, राष्ट्रीय संगठक वी.सतीश और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद समीर उरांव,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश, संयोजक राष्ट्रीय सेवा भारती गुरुशरणप्रसाद, युवा विकास सोसायटी के सचिव डॅाक्टर आशिष भावे, मेयर आशा लकड़ा, एसटी मोर्चा राष्ट्रीय महामंत्री कालिराम मांझी,एसटी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरॅांव उपस्थित हुए।

Rural Entrepreneur Project: क्या है ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट?

ग्रामीण उद्यमी एक अनूठी मल्टी-स्किलिंग प्रोजेक्ट है, जिसे एनएसडीसी द्वारा वित्त पोषित किया गया है, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और झारखंड में 450 आदिवासी छात्रों को प्रशिक्षित करना है। यह प्रोजेक्ट छह राज्यों- महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और गुजरात में लागू किया जा रहा है। इस कॉन्सेप्ट को माननीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर और आदिवासी सांसदों द्वारा क्रिस्टलाइज़्ड किया गया था।

इस अवसर पर बोलते हुए, माननीय केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने कहा, “हमारा पूरा ध्यान आदिवासी आबादी के लिए स्थायी आजीविका को मजबूत करने पर है और इसके साथ ही केंद्र सरकार ने विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों के लिए 85000 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है। इस तरह की योजनाओं और पहलों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए स्वामित्व बढ़ाने की भी सख्त आवश्यकता है।

Rural Entrepreneur Project: ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट झारखंड के आदिवासी समुदायों के लिए गेम चेंजर साबित होगा

आदिवासी युवाओं में इतनी क्षमता और योग्यता है कि हमें उनकी प्रतिभा का सही जगह इस्तेमाल करने के लिए सही रास्ते तलाशने की जरूरत है। आज का शुभारंभ इस दिशा में एक कदम है, मुझे विश्वास है कि ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट झारखंड के आदिवासी समुदायों के लिए गेम चेंजर साबित होगा और उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने का सही अवसर प्रदान करेगा।

मैं अपने युवाओं को यह बताना चाहता हूं कि आप अपने संबंधित ग्राम पंचायतों, गांवों और ब्लॉकों से इन पहलों को आप तक लाने का आग्रह करें और अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने का प्रयास करें।“

Rural Entrepreneur Project: न्यू इंडिया भारत के युवाओं के लिए नए अवसर और बेहतर संभावनाएं लेकर आएगा

माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “हमने हाल ही में भारत के समृद्ध अतीत का सम्मान करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाया और अगली तिमाही हेतु न्यू इंडिया के एक विज़न के साथ अमृत काल के लिए खुद को समर्पित किया। यह न्यू इंडिया भारत के युवाओं के लिए नए अवसर और बेहतर संभावनाएं लेकर आएगा। हम सभी ने कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों को देखा, लेकिन इस गंभीर स्थिति पर भारत की जीत का भी अनुभव किया और हमारे प्रयासों को विश्व स्तर पर मान्यता मिली।

हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि आत्मनिर्भर भारत का मार्ग आत्मनिर्भर गांवों, आत्मनिर्भर कस्बों और आत्मनिर्भर जिलों से होकर जाएगा। इसलिए, हमारे आदिवासी समुदाय भारत के आर्थिक विकास को गति देने के हमारे प्रयासों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुझे आशा है कि ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट ने मध्य प्रदेश में जो सफलता हासिल की है, उसे झारखंड में भी वही प्रतिक्रिया मिलेगी क्योंकि स्किलिंग किसी भी क्षेत्र की समृद्धि का पासपोर्ट है।“

अगर हम गांवों के विकास में निवेश करें तो देश विकसित हो सकता है

माननीय केन्द्रीय जल शक्ति एवं जनजातीय कल्याण राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडु ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, अगर हम गांवों के विकास में निवेश करें तो देश विकसित हो सकता है, अगर शहर विकसित होते हैं तो शहरों का विकास होगा। और इसका एक प्रमुख कम्पोनेन्ट हमारे आदिवासी समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है ताकि उनके विकास के लिए कई संभावनाएं खुल सकें।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे आदिवासी क्षेत्रों की समावेशिता, फाइनेंशियल ग्रोथ पर भी ध्यान केंद्रित किया है और निश्चित रूप से, ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट हमारी आदिवासी आबादी को आर्थिक सशक्तीकरण प्रदान करेगा। भारत के आर्थिक इंजन को गति देने के लिए कई योजनाएं और पायलट परियोजनाएं भी शुरू की गई हैं।

Rural Entrepreneur Project: पहले चरण में किन किन राज्यों से उम्मीदवार चुने जायेगे

प्रशिक्षण के पहले चरण में, उम्मीदवारों को महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों से मोबिलाइज्ड किया गया था। चूंकि उम्मीदवार ग्रामीण क्षेत्रों से मोबिलाइज्ड किए गए थे, इसलिए उम्मीदवारों को ट्रांसपोर्टेशन, बोर्डिंग और लॉजिंग प्रदान किया गया ताकि वे संसाधनों की कमी के कारण सीखने के अवसर को न चूकें।

भोपाल, मध्य प्रदेश में, मई, 2022 के महीने में सात बैचों में 157 उम्मीदवारों का प्रशिक्षण शुरू हुआ और लगभग 133 उम्मीदवारों ने 27 जून, 2022 को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा किया। आज रांची में शुरू किया गया पायलट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का क्रियान्वयन युवा विकास सोसायटी द्वारा रांची में सेवा भारती केंद्र के माध्यम से किया जा रहा है।

एमएसडीई के तत्वावधान में एनएसडीसी ने सेवा भारती केंद्र स्किल डेवलपमेन्ट सेन्टर में सेक्टर स्किल काउंसिल (SSCs) के माध्यम से लैब्स और क्लासरूम की स्थापना में सहायता की है।

प्रोजेक्ट के तहत प्रशिक्षण निम्नलिखित जॉब रोल्स में आयोजित किया जाएगा जो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रासंगिक हैं।

 इलेक्ट्रीशियन एंड सोलर पीवी इंस्टॉलेशन तकनीशियन,
 प्लंबिंग और मेसन,
 2-व्हीलर रिपेयर एंड मेंटेनेंस
 ई-गवर्नेंस के साथ आईटी / आईटीईएस
 फार्म मैकेनाइजेशन

संसदीय परिसंकुल योजना के तहत ग्रामीण उद्यमी योजना लागू की गई है। जनवरी 2020 में आदिवासी समुदायों के उत्थान पर चर्चा करने के लिए माननीय सांसदों का दो दिवसीय सम्मेलन मुंबई में आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न विशेषज्ञों और सरकारी संगठनों ने अपने अनुभव साझा किए। इसके अलावा, अनुसूचित जनजाति संगठनों ने ‘पार्लियामेन्ट्री एसटी क्लस्टर डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट’ का आह्वान किया, जिसे शुरू किया गया है। जिसके तहत भारत के 15 राज्यों में 49 क्लस्टर का चयन लोकसभा और राज्यसभा के 40 आदिवासी सांसदों द्वारा किया गया है। उनके नेतृत्व में योजना को संबंधित क्लस्टरों में क्रियान्वित किया जाएगा। प्रत्येक क्लस्टर में सांसदों द्वारा एक डेवलपमेन्ट एसोसिएट की नियुक्ति की जाती है।

प्रोजेक्ट के तहत निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त किया जाना चाहिए:

 ग्रामीण/स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि
 रोजगार के अवसर बढ़ाएं
 स्थानीय अवसरों की कमी के कारण जबरन प्रवास को कम करना
 प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण

कौशल और शिक्षा की कमी के कारण, राष्ट्रीय औसत की तुलना में ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर्स का आदिवासी आजीविका में बहुत कम योगदान है। इसलिए, ग्रामीण उद्यमी प्रोजेक्ट जैसी पहल उनकी बेहतरी के लिए और उनकी आजीविका सृजन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इस अवसर क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, पूर्व सांसद रामविचार नेताम, सांसद आदित्य साहू, सांसद सुनील सोरेन, सांसद सुदर्शन भगत, विधायक सीपी सिंह,विधायक कोचे मुंडा,पूर्व सांसद महेश पोद्दार,सीसीएल के पूर्व एमडी गोपाल सिंह,पूर्व विधायक गांगोत्री कुजूर, रामकुमार पाहन,विमला प्रधान, शिवपूजन पाठक,अशोक बड़ाईक, मृत्युंजय शर्मा, राहुल अवस्थी,पवन साहू, सहित NSDC एवं स्किल इंडिया के अधिकारी लोग उपस्थित हुए।

 

 

 

 

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