झारखंड की राजनीति में नई हलचल, BJP-JMM की संभावित साझेदारी से किसका होगा फायदा और किसका नुकसान?
रांची: Jharkhand की सियासत एक बार फिर उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। विधानसभा चुनावों के बाद भी राजनीतिक जोड़तोड़ और संभावित गठबंधन की चर्चाएं खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं।
अब अटकलें तेज हैं कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच पर्दे के पीछे बातचीत जारी है। अगर दोनों दल मिलकर सरकार बनाने पर सहमत होते हैं, तो यह राज्य की राजनीति में 360 डिग्री का परिवर्तन होगा। लेकिन सवाल यह है कि ऐसे समीकरण से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान?
झारखंड की राजनीति में नई हलचल, BJP-JMM की संभावित साझेदारी से किसका होगा फायदा और किसका नुकसान?
Jharkhand News: BJP-JMM गठबंधन की संभावन, क्या है सियासी गणित इसके पीछे?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चुनावी नतीजों के बाद झारखंड में कोई भी दल स्पष्ट बहुमत नहीं जुटा पाया। ऐसे में दोनों बड़े दल और BJP और जेएमएम सत्ता की स्थिरता के लिए एक विकल्प के रूप में एक-दूसरे के करीब आते दिख सकते हैं। B JP के लिए JMM का समर्थन एक मौका होगा कि वह राज्य में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करे।
वहीं JMM के लिए यह अवसर होगा कि वह सत्ता में बने रहते हुए रणनीतिक रूप से राज्य का नेतृत्व कर सके। हालांकि यह संभावना अभी चर्चाओं के स्तर पर है, लेकिन अगर यह साकार होती है, तो झारखंड की सत्ता समीकरण में बड़ा बदलाव तय है।
Jharkhand News: BJP को क्या मिल सकता है फायदा?
अगर भाजपा JMM के साथ मिलकर सरकार बनाती है तो उसके कई लाभ सामने आ सकते हैं
1. सत्ता में वापसी: भाजपा लंबे समय से झारखंड में सत्ता से बाहर है। JMM के साथ गठबंधन उसे सीधे सत्ता का हिस्सा बना सकता है।
2. जनजातीय बहुल क्षेत्रों में पकड़: JMM का मजबूत जनाधार आदिवासी इलाकों में है। गठबंधन से BJP इन इलाकों में अपनी कमजोर पकड़ को मजबूत कर सकती है।
3. केंद्रीय योजनाओं को राज्य में लागू करने में सहूलियत: केंद्र और राज्य में तालमेल बढ़ेगा, जिससे BJP यह दिखा सकेगी कि स्थिर शासन और विकास उसके साथ संभव है।
JMM को कैसे मिलेगा राजनीतिक फायदा?
अगर JMM BJP के साथ हाथ मिलाता है, तो कई रणनीतिक लाभ उसे भी मिल सकते हैं
1. सत्ता में निरंतरता: किसी भी प्रकार के मतभेद या अस्थिरता के बावजूद JMM सत्ता में बनी रह सकती है।
2. मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने की संभावना: गठबंधन की शर्तों पर निर्भर करते हुए, JMM मुख्यमंत्री पद अपने पास रख सकता है, जो पार्टी के लिए बड़ी जीत होगी।
3. विकास के लिए केंद्र से सहयोग: BJP के साथ समीकरण से केंद्र सरकार से बजटीय और योजनागत सहयोग बढ़ने की संभावना है।
लेकिन नुकसान भी कम नहीं- दोनों दलों के लिए जोखिम
गठबंधन के संभावित खतरों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता
BJP के लिए नुकसान
कोर वोटर की नाराज़गी: JMM से हाथ मिलाना भाजपा के परंपरागत समर्थकों को रास नहीं आ सकता।
विचारधारा का टकराव: दोनों दलों की वैचारिक रेखाएं भिन्न हैं जिससे सत्ता संचालन में असहमति बढ़ सकती है।
JMM के लिए खतरे
जनजातीय वोट बैंक पर प्रभाव: BJP से गठबंधन JMM के पारंपरिक वोटरों को नाराज़ कर सकता है, जो बीजेपी की नीतियों को लेकर सतर्क रहते हैं।
पार्टी में बगावत: JMM के कुछ नेता गठबंधन को स्वीकार नहीं करेंगे, जिससे अंदरूनी कलह बढ़ सकती है।
गठबंधन बना तो स्थिरता मिलेगी, लेकिन राजनीतिक कीमत भी चुकानी पड़ सकती है
BJP और JMM अगर मिलकर सरकार बनाते हैं, तो झारखंड की राजनीति में स्थिरता आ सकती है। लेकिन यह स्थिरता दोनों दलों के वैचारिक संतुलन और जनता की प्रतिक्रिया पर पूरी तरह निर्भर करेगी। फायदे बड़े हैं लेकिन जोखिम उससे कम नहीं। आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि यह बातचीत महज़ अटकल है या वास्तव में झारखंड की सत्ता का नया अध्याय लिखने वाली है।