Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद Deepak Prakash ने आज हेमंत सरकार की नियोजन नीति 2021के निर्णय के विरोध में उच्च न्यायालय के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
हेमंत सरकार की तुष्टिकरण के तहत लागू की गई एक और जनविरोधी नीति आज विफल हो गई.
हेमंत सरकार ने उर्दू को बढ़ावा देने के लिए हिंदी को अपमानित करने का काम किया था जिसे आज माननीय हाइकोर्ट ने नाकाम कर दिया और उस नीति को असंवैधानिक करार दिया.
यह झारखंडियों की जीत है,मातृभाषा की जीत है.
— Deepak Prakash (@dprakashbjp) December 16, 2022
श्री प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार की बनाई गई एक भी नीति लोक कल्याणकारी नही है।और ऐसी नीतियों का यही हाल होना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा युवाओं को रोजगार देने की कभी नही रही इसलिए यह सरकार कानून विरोधी नीतियों के द्वारा केवल योजनाओं को लटकाने ,भटकाने और अटकाने का काम करती है।
झारखंड के मूलवासी हेमंत सरकार के नियोजन नीति से परेशान थे: Deepak Prakash
उन्होंने कहा कि झारखंड के मूलवासी हेमंत सरकार के नियोजन नीति से परेशान थे। नियोजन नीति में झारखंड से 10वीं और 12वीं पास के शर्त के कारण कई झारखंडी बच्चे नियोजन केलिए अयोग्य करार हो रहे थे जबकि दूसरे राज्यों से निवास करने वाले लेकिन केवल झारखंड में 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी योग्य माने जा रहे थे। जिसे न्यायालय ने रद्द किया।
उन्होंने कहा इसी प्रकार भाषा के आधार पर भी राज्य सरकार ने अनुचित निर्णय लिए। घर घर बोली जाने वाली हिंदी और अंग्रेजी को हटाकर इस सरकार ने चंद लोगों द्वारा व्यवहार में लाए जाने वाले ऊर्दू भाषा को प्राथमिकता दी जो तुष्टिकरण की पराकाष्ठा थी।
श्री प्रकाश ने जनहित और राज्य हित उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करते हुए कहा की हेमंत सरकार को सस्ती लोकप्रियता केलिए जनविरोधी और संविधान विरोधी फैसला लेने से बचना चाहिए।