अंदर ही अंदर खत्म हो गया है ड्रैगन! लोग शंघाई शहर छोड़कर जा रहे- देखें पलायन करने की वजह
चीन इस वक्त दुनिया के लिए सिर दर्द बना हुआ है। भारत, ताइवान, वियतनाम, टिब्बत, नेपाल, श्रीलंका के अलावा कई और देश हैं जो चीन से परेशान हैं।
चीन इस वक्त दुनिया के लिए सिर दर्द बना हुआ है। भारत, ताइवान, वियतनाम, टिब्बत, नेपाल, श्रीलंका के अलावा कई और देश हैं जो चीन से परेशान हैं। भारत में तो चीन की दाल नहीं गली उलटा उसे भारतीय जवानों ने ऐसा सबक सिखाया कि वो दूबारा उलझने की सोचेगा नहीं।
लेकिन, बाकी के देश इससे कमजोर हैं और ये इसका पूरा फायदा उठाता है। जो चीन इन मुल्कों में अपने पैर पसार रहा उसकी असलियत यह है कि वह अंदर से पूरी तरह से टूट चुका है। दुनिया से ड्रैगन अपनी कमजोरी छुपा रहा है। लेकिन, इस वक्त चीन की इकोनॉमी कहा जाने वाला शहर शंघाई में कोरोना ने बूरी तरह से अफरा-तफरी मचा दी है। यहां पर हालात बेकाबू हो गए हैं। ऐसे में सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के चलते लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है ऐसे में लोग शहर छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो गए हैं।
शंघाई शहर में इस वक्त कोरोना के नए मामलों के चलते हाहाकार मचा हुआ है। सरकार ने संक्रमण रोकने के लिए करीब एक माह से लॉकडाउन लगाया हुआ है लेकिन अब लोग इस शहर से पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं। स्थानीय पैकर्स और मूवर्स के साथ ही कुछ कानूनी फर्मों ने इस पलायन की पुष्टि की है। इस बीच, शंघाई में पिछले एक दिन में संक्रमण के 9,545 स्थानीय मामले सामने आए। अंतरराष्ट्रीय मूवर्स शंघाई (एमएंडटी) के संस्थापक माइकल फाउंग ने बताया कि हमें करीब 30 से 40 ऑर्डर हर माह मिलते थे लेकिन इस माह ऐसे ऑर्डरों में काफी इजाफा हुआ है। शहर के नागरिक सोशल मीडिया पर सलाह ले रहे हैं कि वे शंघाई छोड़ने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं। बता दें कि देश में हालात अब भी काबू में नहीं हैं। चीन की शून्य कोविड नीति के कारण लॉकडाउन या सख्ती के कारण लोग और भी परेशान हैं।
बता दें कि, चीन ने इतना कड़ा प्रतिबंध लगाया हुआ है कि शंघाई शहर में लोग भूख से मर रहे हैं। कुछ दिनों पहले एक वीडियो सामने आया था जिसमें अपने अपार्टमेंट में से लोग चिल्ला रहे थे। लोग कई हफ्तों से अपने घरों में कैद हैं। इनके पास खाने-पीने के सामान खत्म हो गए हैं। लोग अपनी खिड़कियों से झांकते हुए नारे लगाकर सख्त नीतियों का विरोध कर रहे हैं। हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि लोग खाने के लिए जेल जाने को भी तैयार हैं।