Patna: बिहार में जब से नीतीश कुमार की JDU ने भाजपा से राजनीतिक (Lalan Singh) नाता तोड़ा है, विपक्षी दलों में उत्साह की लहर दौड़ गई है, जो राष्ट्रीय परिदृश्य पर लगभग खामोश है।
.@SushilModi जी,
2/2……मणिपुर के सभी विधायक 10 अगस्त को पटना आये और मुख्यमंत्री जी के फैसले की सराहना करते हुए एकजुटता भी दिखायी। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ ?
स्पष्ट है कि धन-बल का खेल हुआ है…..!
हमलोगों की शुभकामनाएं आपके साथ है… जल्दी से आपको कुछ मिल जाए। pic.twitter.com/UIu6fFJlu0
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) September 4, 2022
बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. बिहार में करीब ढाई साल तक बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार चलाने के बाद अब जदयू ने अपने पुराने साथी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है.
BJP के 40 सीटों पर हार का लक्ष्य: Lalan Singh
बिहार में राजद के समर्थन से नीतीश कुमार के आठवीं बार CM बनने के बाद जेडीयू सांसद ललन सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘लालूजी से आशीर्वाद लिया है कि उन्हें 2024 के चुनाव में उखाड़ फेंकना है. 2024 में केवल 40 सीटों पर उन्हें (भाजपा की ओर इशारा) हराने का लक्ष्य निर्धारित किया जाना है। जहां हमें 40 सीटों पर हार का सामना करना पड़ता है और इन 40 सीटों पर हार इन तीन राज्यों से बंगाल, बिहार और झारखंड होगी। आपको बता दें कि जिस तरह से विपक्षी दल आपस में मिल रहे हैं, उसे देखते हुए अब 2024 की कुछ तैयारियां नजर आने लगी हैं।
कितना दम है Lalan Singh के गणित में
दरअसल, जब से नीतीश कुमार एनडीए से अलग हुए हैं, उन्होंने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी नीतीश कुमार को पीएम पद के लिए प्रोजेक्ट करना चाहती है. जदयू अध्यक्ष का कहना है कि अगर सभी विपक्षी दल तैयार हैं तो नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के खिलाफ चेहरा बन सकते हैं. हालांकि इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।
कुछ दिन पहले पटना आए तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा था कि हम साथ बैठकर इस बारे में बात करेंगे, फिर बताएंगे. ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि ललन सिंह को 75 फीसदी फॉर्मूला कहां से मिला।