रांची। झारखण्ड के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू पार्टी केंद्रीय अध्यक्ष श्री Sudesh Mahto ने माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरने को झारखंड में नियोजन नीति लागू किए जाने को लेकर पत्र लिखा। पत्र का मुख्य अंश निम्नवत है-
“पिछड़ों के प्रति गंभीरता दिखाए सरकार, राज्य में जातीय जनगणना सुनिश्चित करे”
राज्य के सभी 24 जिलों में आयोजित जिला कार्य समिति की बैठक संपन्न। बैठक में स्थानीय नीति, नियोजन नीति, जातीय जनगणना, नगर निकाय चुनाव, जनसंग्रह- धनसंग्रह अभियान तथा भावी कार्यक्रमों को लेकर की गई चर्चा। pic.twitter.com/Jhd3EpN4t5
— AJSU PARTY (@ajsupartyjh) November 7, 2022
Sudesh Mahto News: सरकार ने 11 नवंबर को विशेष सत्र बुलाया है
‘‘आपका ध्यान झारखंडी जनभावना से जुड़े एक अति महत्वपूर्ण विषय की ओर दिलाना चाहता हूँ। हाल ही में सरकार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दी है और अब इसे विधानसभा से पास कराने की तैयारी है। इसके लिए सरकार ने 11 नवंबर को विशेष सत्र बुलाया है।
खतियान आधारित नियोजन नीति झारखंडी युवाओं की बहुप्रतीक्षित मांग है: Sudesh Mahto
राज्य की स्थानीय नीति में संशोधन की मांग पुरानी है। सरकार हां-ना करते हुए अपने कार्यकाल के लगभग तीन साल पूरे होने पर इस मुद्दे पर आगे बढ़ रही है। लेकिन नियोजन नीति लागू करने की निहायत जरूरत को सरकार पीछे छोड़ रही है। जबकि खतियान आधारित नियोजन नीति झारखंडी युवाओं की बहुप्रतीक्षित मांग है और यह उनके हक अधिकार से जुड़ा सवाल है।
वेकैंसी, परीक्षा के इंतजार में लाखों युवाओं को वैसे ही सरकार अब तक निराश करती रही है। आप और सरकार के मंत्रियों के लगातार बयानों और विभिन्न मंचों से भाषणों में लगातार भरोसा दिलाया जाता रहा है कि जल्द ही अलग-अलग विभागों में नियुक्तियां होंगी और इसके लिए नियमावली बनाई जा रही है। लेकिन इसके संतोषजनक परिणाम नहीं दिखते। नियुक्तियों की मामूली प्रक्रिया शुरू भी है, तो बगैर नियोजन नीति तय हुए। इससे युवाओं में भारी अंसतोष है।
नियोजन नीति बनने से ही यहां के लोगों को नौकरी में वाजिब हक मिल सकेगा: Sudesh Mahto
आजसू पार्टी खतियान आधारित स्थानीय नीति के साथ नियोजन नीति लागू करने की पक्षधर रही है। खतियान के आधार पर स्थानीय नीति के साथ नियोजन नीति बनने से ही यहां के लोगों को नौकरी में वाजिब हक मिल सकेगा।
इन परिस्थितियों में मेरा आग्रह होगा कि 11 नवंबर को होने वाले झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में सरकार जन भावना से जुड़े इस झारखंडी विषय के तहत खतियान आधारित स्थानीय नीति के साथ नियोजन नीति का प्रस्ताव भी पारित कराए, जिससे मूलवासियों और आदिवासियों की आकांक्षा पूरी हो सके।’’
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