नई दिल्ली: Sonam Wangchuk: लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के साथ 21 दिनों से धरने पर बैठे सोनम वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल खत्म की है। उन्होंने कहा है कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
END 21st Day OF MY #CLIMATEFAST
I’ll be back…
7000 people gathered today.
It was the end of the 1st leg of my fast. Btw 21 days was the longest fast Gandhi ji kept.
From tomorrow women’s groups of Ladakh will take it forward with a 10 Days fast, then the youth, then the… pic.twitter.com/pozNiuPvyS— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) March 26, 2024
Sonam Wangchuk ने ‘सावधानीपूर्वक’ अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का आह्वान किया
इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सोनम वांगचुक ने लद्दाख के लोगों से राष्ट्र हित में ‘सावधानीपूर्वक’ अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का आह्वान किया था।
सोनम वांगचुक लेह में स्थित एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के संयुक्त प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के एक दिन बाद छह मार्च से शून्य से नीचे के तापमान पर ‘जलवायु अनशन’ कर रहे हैं। इन दोनों संगठनों का मुख्य उद्देश्य लद्दाख को राज्य का दर्जा देना और उसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग का समर्थन करना है।
छठी अनुसूची में स्वायत्त जिला परिषदों के जरिए असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी इलाकों के प्रशासन से जुड़े प्रावधान हैं।
Sonam Wangchuk: तीन लाख निवासियों में से करीब 60,000 लोग इस अनशन में शामिल हुए
सोनम वांगचुक ने कहा, ‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है और हम नागरिकों के पास एक बहुत विशेष शक्ति है। हम निर्णायक भूमिका में हैं, हम किसी भी सरकार को उसके तौर तरीके बदलने के बदलने के लिए विवश कर सकते हैं या काम नहीं करने पर सरकार बदल सकते हैं.”
ऐसा अनुमान है कि पिछले 21 दिनों में लद्दाख के तीन लाख निवासियों में से करीब 60,000 लोग इस अनशन में शामिल हुए हैं।
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