रांची 16 सितम्बर. Bandhu Tirkey: पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि आदिवासी समुदाय, परम्परा और संस्कृति के दृष्टिकोण से बहुत समृद्ध है और आदिवासियत की पहचान की सुरक्षा उनके जीवन का सबसे बड़ा एवं प्रमुख उद्देश्य है. श्री तिर्की ने कहा कि सभी सरना स्थलों एवं आदिवासियों के सभी धार्मिक स्थानों की रक्षा हर हाल में की जायेगी.
Bandhu Tirkey: आज कमड़े में चार स्थानों पर पत्थल गाड़ कर पुचा अर्चना किया गया
रातु प्रखण्ड के कमड़े गाँव में पत्थल गाड़ कर पुचा-अर्चना करने के बाद आयोजित समारोह में अपने सम्बोधन में श्री तिर्की ने कहा कि जंगल-झाड़, नदी-नाला, पहाड़, पर्वत आदि की सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन करने के साथ ही खेत-खलिहान के माध्यम से आदिवासीयों ने ही न केवल स्वयं का पालन-पोषण किया बल्कि प्रकृतिक और धार्मिक धारोहरों के साथ ही संस्कृति को बचाने का भी कार्य किया है.
आज कमड़े में चार स्थानों पर पत्थल गाड़ कर पुचा अर्चना किया गया.
सरना समिति, कमड़े द्वारा आयोजित इस समारोह में सरना समिति के अगुआ नारायण उरांव, कमडे पंचायत की मुखिया निलाम तिर्की, अलविन लाकड़ा, लालू पहान, पाइन भोरा, करमा उरांव महतो, मादी उरांव, कोटवार छोटान लोहरा, केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष शिवा कच्छप, राजेश लकड़ा, राजेश मुण्डा, सुनिता मुण्डा, सरिता मुण्डा, सोमारी उरांव, सुषमा मुण्डा, सुनीता, अंगनी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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