Patna: बिहार के एमबीबीएस स्नातक होने का दावा करने वाले व्यक्ति मोहम्मद शमीम फारूकी के खिलाफ पटना के एक अस्पताल में साक्षात्कार प्रक्रिया के दौरान अपनी मेडिकल डिग्री में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
नकली डॉक्टर मोहम्मद शमीम फारूकी ने ”पारस हॉस्पिटल” में ढाई वर्ष मरीजों से खिलवाड़ किया
बिहार के सबसे महंगे अस्पताल की सूची में 1 नंबर पर रहने वाले पारस HMRI में ढाई वर्षों तक मरीजों की जान से खेलता रहा,
नकली डॉक्टर।
इतने बड़े अस्पताल ने ऑनलाइन डिग्री चेक करने का कष्ट नहीं किया? pic.twitter.com/TLrGkudKYz— Anil Kumar Mishra (@archi_anil) May 28, 2023
Patna News: झांसा तब पकड़ा गया जब उसके दस्तावेजों पर CBI की नजर पड़ी
फारूकी ने 2012 में आयोजित विदेशी चिकित्सा योग्यता रखने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एक स्क्रीनिंग टेस्ट के दौरान फर्जी दस्तावेज पेश किए। इतना ही नहीं, उसने दिसंबर 2020 में इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर एक अस्पताल में नौकरी लगवा ली। उसका झांसा तब पकड़ा गया जब उसके दस्तावेजों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की नजर पड़ी।
Patna News: जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार” का आरोप लगाया गया
जिस अस्पताल में वह कार्यरत थे, वह पटना हवाई अड्डे के पास एक निजी चिकित्सा सुविधा थी। पटना के शास्त्रीनगर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें फारूकी पर अस्पताल में नियुक्ति के लिए “जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार” का आरोप लगाया गया था।
Patna News: आरोपी ने अपनी नियुक्ति के समय चिकित्सा प्रमाणपत्र के जाली दस्तावेज उपलब्ध कराए थे
आगे की जांच में पता चला कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान उसने बिहार मेडिकल काउंसिल का जो अनिवार्य पंजीकरण दिखाया था, वह भी फर्जी था। प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि आरोपी 16 दिसंबर, 2020 से अस्पताल में कार्यरत था। प्राथमिकी में कहा गया है, “सीबीआई दिल्ली के माध्यम से हमें पता चला है कि आरोपी ने अपनी नियुक्ति के समय चिकित्सा प्रमाणपत्र के जाली दस्तावेज उपलब्ध कराए थे।”