रांची। 11 जनवरी 2024ः Ghulam Ahmad Mir: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में अपराह्न 01ः15 बजे संगम गार्डेन, मोरहाबादी में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन को झारखंड प्रदेश के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने संबोधित किया।
आज कांग्रेस भवन में आयोजित विधायक दल की बैठक में शिरकत करते माननीय विधायकगन। बैठक में प्रदेश प्रभारी @GAMIR_INC जी, प्रदेश अध्यक्ष @RajeshThakurINC जी, विधायक दल के नेता @Alamgircongress जी, @INCIndia के सचिव @pranavINC जी भी उपस्थित रहे। pic.twitter.com/pIzsoDdZYp
— Jharkhand Congress (@INCJharkhand) January 3, 2024
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता ज्योति सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष गीता कोड़ा, बन्धु तिर्की, जलेश्वर महतो, शहजादा अनवर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, मंत्री-बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख उपस्थित थे।
पिछले 10 वर्षों की कहानी लिखी जाए तो वह अन्याय से शुरू होकर अन्याय पर खत्म होगी: Ghulam Ahmad Mir
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुलाम अहमद मीर ने कहा कि अगर मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों की कहानी लिखी जाए तो वह अन्याय से शुरू होकर अन्याय पर खत्म होगी। इस तानाशाही सरकार ने अन्याय और अत्याचार की सारी सीमाएं लांघ कर एक ऐसी क्रूर और निर्मम व्यवस्था को जन्म दिया है, जहां देश का गरीब स्वाभिमान के साथ दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करने को मजबूर है।
मोदी सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी: Ghulam Ahmad Mir
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में न सिर्फ आम इंसान का जीवन मुश्किल कर दिया बल्कि लोकतंत्र का गला घोंटने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। जहां एक तरफ बेतहाशा बेरोजगारी युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कमरतोड़ महंगाई गरीबों और मध्यम वर्ग का जीवन बेहद मुश्किल बना रही है।
आज जहां देश में किसानों को उनकी मेहनत का मोल नहीं मिल रहा, तो वहीं मजदूर अपना खून पसीना जलाकर भी परिवार का पेट नहीं भर पा रहे। उन्होंने कहा कि बेटियां अपने सम्मान और सुरक्षा के लिए सड़कों पर बैठी हैं और तानाशाह सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं।
दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक और गरीबों के साथ भेदभाव: Ghulam Ahmad Mir
उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा धनकुबेर सारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपने फायदे के लिए कठपुतली की तरह नचा रहे हैं। दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक और गरीबों के साथ भेदभाव व अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर सरकारी एजेंसियों द्वारा लोगों डराया-धमकाया जाता है, संसद में सवाल पूछने पर निलंबित कर दिया जाता है।
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि देश में ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि…मोदी सरकार नहीं चाहती कि देश की जनता उनका सच जाने, उनसे जरूरी मुद्दों पर सवाल पूछे, लेकिन.. अब जनता जाग चुकी है, अपने अधिकारों की बात कर रही है, अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही है, न्याय का हक मांग रही है। हम जनता की यह लड़ाई, जनता के साथ आगे ले जा रहे हैं।
इस देश की जनता के समर्थन से हम तानाशाह केन्द्र सरकार से डरने वाले नहीं हैं, अन्याय के खिलाफ हमारी लड़ाई थमने वाले नहीं हैं। अन्याय के खिलाफ न्याय की यह लड़ाई जारी रहेगी… न्याय का हक मिलने तक।