Ranchi: झारखंड में राजनीतिक माहौल गरमा गया है जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हेमंत सोरेन की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
कुछ बातें स्पष्ट हैं :
1) बांग्लादेशी “झारखण्ड मुक्ति मोर्चा” के वोटर हैं, इसकारण मुख्यमंत्री चुप हैं !
2) बांग्लादेशी “दीमक” की तरह झारखण्ड के संसाधन को चट्ट कर जा रहा है !
3) आज झारखण्ड में आदिवासी-मूलवासी अस्मिता खतरे में हैं लेकिन झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार की आँखों में… pic.twitter.com/0XKibUPNBC— Amar Kumar Bauri (@amarbauri) August 12, 2024
भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि ये घुसपैठिए जेएमएम के वोटर्स बन गए हैं और राज्य के संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं.
BJP News: दीमक की तरह चट कर रहे हैं देश के संसाधनों को
अमर कुमार बाउरी ने कहा “हेमंत सोरेन सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है. ये घुसपैठिए जो आज जेएमएम के मतदाता बन चुके हैं झारखंड और भारत के संसाधनों को दीमक की तरह चट कर रहे हैं. सरकार का कहना है कि प्रदेश में घुसपैठियों का कोई मामला नहीं है लेकिन सच्चाई ये है कि सरकार ने खुद हाई कोर्ट में एफिडेविट देकर माना है कि यहां बांग्लादेशी घुसपैठिए मौजूद हैं और उन्हें चिन्हित करने की प्रक्रिया चल रही है.”
BJP News: खतरे में है आदिवासी
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में फंसी हुई है जिसके चलते वह आदिवासी अस्मिता को नजरअंदाज कर रही है. “बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रेम में डूबी इस सरकार को यह समझ नहीं आ रहा कि आदिवासी समुदाय का अस्तित्व खतरे में है. आदिवासियों के संसाधनों पर अब बांग्लादेशी घुसपैठियों का कब्जा हो रहा है और सरकार आंखें मूंदे बैठी है.”
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अमर बाउरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यही हालात बने रहे तो आने वाले समय में झारखंड के आदिवासियों की पहचान और उनके संसाधनों पर पूरी तरह से खतरा मंडराने लगेगा. भाजपा नेता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि राज्य सरकार को तुष्टिकरण की राजनीति छोड़कर घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें राज्य से बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज करनी चाहिए ताकि झारखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान सुरक्षित रह सके.
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