HeadlinesJharkhandPoliticsStatesTrending

Jharkhand Farming: गांव-गांव फैली आम के मंजर की खुशबू

ग्रामीणों के लिए अतिरिक्त आय का साधन बनेगा बिरसा हरित ग्राम योजना

Ranchi: Jharkhand News: श्वेता कुमारी अब आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। उसे अपने ही खेत से फलों के साथ-साथ अंतः कृषि के जरिए मौसमी सब्जियां भी प्राप्त हो रही है, जिससे श्वेता को अपने जीवन के निर्वहन में पूर्व की तरह परेशानी नहीं हो रही।

लातेहार के बारियातु पंचायत के गाडी गांव निवासी श्वेता की ही तरह राज्य के हजारों ग्रामीण बिरसा हरित ग्राम योजना के साथ-साथ अंतः कृषि का लाभ ले ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तीकरण में अपना योगदान दे रहें और झारखण्ड के ग्रामीण इलाकों में आम के मंजर की खुशबू फैला रहें हैं। तीन वर्ष पूर्व बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत लगाए गए आम के पौधे अब फल देने को तैयार हो गए हैं, जो आने वाले समय में ग्रामीणों की आय का अतिरिक्त जरिया साबित होगा। ये सब ऐसे ही नहीं हुआ।

कोरोना संक्रमण काल में इसकी नींव मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रखी थी। आज वही नींव ग्रामीणों के लिए आय का मजबूत आधार बन रहा है। विगत तीन वर्ष में किए गए मेहनत का परिणाम है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 से अबतक फलदार पौधा लगाने, लाभुकों की संख्या एवं भूमि में लगाए गए पौधों के रकबा में दस गुना से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।

तीन वर्ष में दस गुना वृद्धि

ग्रामीणों को अतिरिक्त आय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से फलदार पौधा उपलब्ध कराने की योजना ने सही मायने में विगत तीन वर्ष में गति मिली है। आंकड़ों को देखने से स्पष्ट होता है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण को गति देने प्रयास 2020 से शुरू हुआ। वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 के बीच 7,741 लाभुकों को योजना का लाभ मिला, जबकि 2020-21 से 2022-23 तक कुल 79,047 ग्रामीण योजना से लाभान्वित हुए।

2016-17 से 2019-20 तक कुल 5972.35 एकड़ में फलदार पौधारोपण किया गया, वहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक 67,276.62 एकड़ भूमि में फलदार पौधे लगाए गए। फलदार पौधों की संख्या की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक 6,31984 फलदार पौधे लगे। इस आंकड़े को पार करते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक यह संख्या बढ़कर 74,47,426 हो गई। उपरोक्त सभी में दस गुना से अधिक वृद्धि तीन वर्ष में दर्ज की गई।

Jharkhand News: फलदार पौधारोपण में गुमला आगे

योजना के तहत पूरे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में फलदार पौधा ग्रामीणों की मांग के अनुरूप उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन गुमला के लोगों ने आगे बढ़कर सबसे अधिक योजना का लाभ लिया। यहां के 12,599 लाभुकों ने अपनी भूमि पर फलदार पौधा लगाया है। दूसरे स्थान पर खूंटी के 8062 लाभुक, तीसरे स्थान पर पश्चिमी सिंहभूम के 6460 लाभुकों, चौथे स्थान पर रांची के 5875 लाभुकों एवं पांचवें स्थान पर गिरिडीह के 4544 लाभुकों ने योजना का लाभ लेते हुए अपने लिए अतिरिक्त आय के साधन का मार्ग प्रशस्त किया है।

Jharkhand News: फलों के साथ सब्जी की भी खेती

जहां एक ओर ग्रामीण अपने खेतों और तांड में फलदार पौधे लगा रहें हैं वहीं दूसरी ओर, फलों के पौधों के आस पास अंतः कृषि की प्रणाली भी अपना रहें हैं। इन पौधों के आस पास मौसमी सब्जी की खेती भी हो रही है, जिससे इनके आय में वृद्धि भी हुई है। इस विधि से फलदार पौधों को सब्जियों के साथ समय पर पानी और खाद मिल जाता है। इससे पौधों के मरने के दर में भी कमी दर्ज की गई है।

“बिरसा हरित ग्राम योजना का उद्देश्य ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। सरकार इस दिशा में लगातार ग्रामीणों से संपर्क कर उन्हें योजना का लाभ दे रही है। इसके साथ-साथ ग्रामीण अंतः कृषि के तहत सब्जियों की भी खेती कर रहें हैं, जो सुखद है।”
राजेश्वरी बी, मनरेगा आयुक्त।

 

 

 

 

यह भी पढ़े: क्या है Jharkhand सरकार का स्थानीय निति को लेकर प्लान?

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button