Ranchi: Jharkhand Adivasi Mahotsav 2024 के अवसर पर बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान, रांची में दो दिवसीय झारखंड आदिवासी महोत्सव- 2024 का आज भव्य शुभारंभ हुआ।
शहीद वेदी पर वीर सपूतों को नमन कर राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार, राज्यसभा सांसद श्री शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM मंत्री श्री @deepakbiruajmm एवं अन्य ने #JharkhandAdivasiMahotsav का शुभारंभ किया। pic.twitter.com/9VpX0srS06
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) August 9, 2024
उद्घाटन समारोह में माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार, मुख्य अतिथि एवं राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष -सह- राज्यसभा सांसद माननीय श्री शिबू सोरेन, विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्यवासियों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राज्य में तीसरी बार झारखंड आदिवासी महोत्सव का भव्य आयोजन हो रहा है।
यह सिर्फ एक महोत्सव मात्र नहीं है, बल्कि यह अपनी प्राचीन और समृद्ध जनजातीय सभ्यता- संस्कृति और विरासत को संजोने, संवारने और देश -दुनिया में पहचान दिलाने का एक प्रयास है।
Jharkhand Adivasi Mahotsav 2024: हर्ष, उल्लास और उत्साह के साथ मना रहे हैं विश्व आदिवासी दिवस
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्यभर में हर्ष, उल्लास और उत्साह के साथ आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आयोजित हो रहे विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए आदिवासी अपनी सभ्यता और संस्कृति की चमक बिखेर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी महोत्सव आदिवासी जीवन दर्शन और कला-संस्कृति को अलग पहचान देने का एक बड़ा माध्यम बनता जा रहा है। यहां आयोजित हो रहे आदिवासी महोत्सव में हमें आदिवासियों की कला -संस्कृति, परंपरा, गीत- नृत्य और उनकी वेशभूषा से रूबरू होने का मौका मिल रहा है।
Jharkhand Adivasi Mahotsav 2024: जनजातीय सभ्यता , दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता है। आदि काल से ही आदिवासियों की सभ्यता -संस्कृति और परंपरा काफी समृद्ध रही है। दुनिया में अलग-अलग हिस्सों में आदिवासी समुदाय वास करते हैं, लेकिन उनके सभ्यता -संस्कृति में कहीं न कहीं एकरूपता देखने को मिलती रहती है। जनजातीय कला- संस्कृति और परंपरा को सुरक्षित करने के साथ समृद्ध करने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणाश्रोत हमेशा बना रहे।
अपनी सभ्यता- संस्कृति और जल- जंगल -जमीन के लिए झारखंड के आदिवासी हमेशा संघर्ष करते रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के आदिवासियों को विरासत में संघर्ष मिला है। यहां के आदिवासियों ने अपनी सभ्यता- संस्कृति और मान-सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं किया। जल- जंगल -जमीन की रक्षा के खातिर लंबा संघर्ष किया। हमें गर्व है अपने उन वीरों पर, जिन्होंने अन्याय, शोषण एवं देश-राज्य के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।
Jharkhand Adivasi Mahotsav 2024: वीरों और शहीदों की धरती रही है झारखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सदियों से वीरों और शहीदों की धरती रही है। चाहे आजादी के पहले की बात हो या आजादी के बाद अथवा झारखंड अलग राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई। भगवान बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, भैरव- चांद, फूलो झानो, नीलाम्बर पीताम्बर, तिलका मांझी, शेख भिखारी, बुधु भगत, टाना भगत, निर्मल महतो और विनोद बिहारी महतो जैसे अनेकों वीर हुए हैं, जिन्होंने अन्याय -शोषण, आदिवासी-मूलवासी के हक-अधिकार, और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दे दी। अपने इन वीर शहीदों को नमन है।
आदिवासी समाज को आगे बढ़ने का सभी मिलजुल का प्रयास करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों को बहुत संघर्ष के बाद मुकाम हासिल होता है । इसके लिए उन्हें एक लम्बी लड़ाई लड़नी होती है । ऐसे में आदिवासी समाज कैसे आगे बढ़े, इसके लिए सरकार तो प्रयास कर ही रही है। आपको भी अपनी भूमिका निभानी होगी। आप आगे बढ़ें, सरकार आपके साथ है ।
Jharkhand Adivasi Mahotsav 2024: लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार से जनता को काफी उम्मीदें हैं। हम जन आकांक्षाओं को पूरी ताकत के साथ पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। इस सिलसिले में सरकार की ओर से अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के जरिए राज्य की जनता को सशक्त और स्वावलंबी बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपरीत चुनौतियों के बीच भी राज्य में विकास को नया आयाम देने का कार्य कर रहे हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर भविष्य दे सकें।
12 पुस्तकों का विमोचन, 257 लोगों को मिला सामुदायिक वन पट्टा
इस महोत्सव में माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार, माननीय अध्यक्ष राज समन्वय समिति-सह- राज्यसभा सांसद श्री शिबू सोरेन और माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और मंच पर मौजूद अन्य गणमान्यों ने डॉ राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित 12 पुस्तकों का विमोचन किया । वहीं, 257 लोगों के बीच 73 हज़ार 5 सौ 83 एकड़ सामुदायिक वन पट्टा का वितरण किया गया। महोत्सव की शुरुआत में गणमान्यों ने शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी ।
वहीं, माननीय राज्यपाल और माननीय मुख्यमंत्री ने आदिवासी प्रदर्शनी शिविर और आदिवासी चित्रकार शिविर का उद्घाटन और अवलोकन किया।
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इस महोत्सव में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री श्री दीपक बिरुवा, राज्य सभा सांसद श्रीमती महुआ माजी, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन, विधायक श्री राजेश कच्छप, मुख्य सचिव श्री एल. खियांग्ते, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री अनुराग गुप्ता, राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री नीतिन मदन कुलकर्णी, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव श्री कृपानंद झा एवं आदिवासी कल्याण आयुक्त श्री अजय नाथ झा सहित कई वरीय अधिकारी एवं गणमान्य मौजूद रहे।