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Khunti में जल संचयन के लिए सामुदायिक प्रयास

चिलचिलाती धूप से बेपरवाह लोगों ने पानी के लिए बहाए पसीने

Khunti: मंगलवार को Khunti का पारा 40 पार था। तेज धूप थी, लोग घरों से निकलना मुनासिफ नहीं समझ रहे थे। तब प्यास बुझाने के लिए खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के गांव जामटोली माहिल गांव में महिला-पुरूष, युवक-युवती, वृद्ध-वृद्धा पानी के खतिर चिलचिलाती धुप में पसीने से तर-ब-तर जल संचयन के लिए बनई नदी पर बोरीबांध का निर्माण कर रहे थे।

Khunti News: ग्रामीणों ने बनई नदी पर 200 फीट लंबा बोरीबांध बना डाला

सुबह के आठ बजे से अपराह्न दो बजे तक बिना रूके ग्रामीणों ने बनई नदी पर 200 फीट लंबा बोरीबांध बना डाला। जिसमें पानी लबालब भर गया। यह बोरीबांध आदिवासियों की मदईत ( श्रमदान) परंपरा से की गई। बोरीबांध बनने के बाद सारे थके हारे ग्रामीणों ने एक साथ गांव के सामुदायिक भवन के पास भोजन किया।

Khunti News: अगले 48 घंटे के अंदर बोरीबांध में काफी पानी भर जाएगा

बोरीबांध निर्माण में श्रमदान कर रहे जामटोली निवासी समाजसेवी सुखदेव मुंडा ने कहा कि बोरीबांध बनने से काफी अच्छा जल संचयन हुआ है। इससे गांव में महिलाओं को नहाने-धोने, खेतों के पटवन करने और मवेशियों पिलाने के लिए पानी मिलेगा। सुखदेव मुंडा ने कहा कि अगले 48 घंटे के अंदर बोरीबांध में काफी पानी भर जाएगा और नदी के बंद हुए श्रोतों से भी पानी बहने लगेगा। उन्होंने कहा कि उनके गांव के पास जल्द ही एक और बोरीबांध का निर्माण कराया जाएगा।

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Khunti News: सालों से यहां इस नदी से प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर बालू का खनन होता है

गांव के एक बुजुर्ग ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बनई नदी में घाघरा से लेकर गानालोया तक बालू माफियाओं के लिए शेफ जोन है। सालों से यहां इस नदी से प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर बालू का खनन होता है। जिसका परिणाम है कि बनई नदी अपनी सतह से दस फीट नीचे चली गई है और अब नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि बोरीबांध बनने से अवैध बालू का उठाव रूकेगा।

जिने लोगों के द्वारा श्रमदान कर बोरीबांध बनाए जाते है वे बांध के आसपास से बालू का उठाव नहीं होने देते। इस कारण नदी पर बोरीबांध बनने से नदी का संरक्षण भी होता है।

Khunti News: बोरीबांध नहीं बनता तो सूख जाती नदी

सोमवार को नदी के इस स्थान पर जहां एक पतली सी धार बह रही थी, जो अगले सप्ताह भर के अंदर थम जाती, बोरीबांध बनने के बाद काफी बड़े क्षेत्र में लबालब पानी भर गया। जिससे ग्रामीणों में खुशी है।
जिले में सामुदायिक प्रयास से अभियान के तहत बन रहे हैं बोरीबांध

जिला प्रशासन, स्थानीय संस्था सेवा वेलफेयर सोसाइटी व क्षेत्र के ग्रामसभाओं के सामुदायिक प्रयास से जिले में जनशक्ति से जलशक्ति के तहत जल संचयन के लिए चल रहे नदी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है।

बोरीबांध निर्माण में श्रमदान करने वालों में सुखदेव मुंडा, सेवा वेलफेयर सोसाइटी के प्रतिनिधि, राहुल महतो, जगन्नाथ मुंडा, मागो मुंडा, महेंद्र मुंडा, नयन सोय, रवि प्रधान, सूरज नाथ कर, सुखराम मुंडा, गानू मुंडा, सुसारी देवी, लखीमनी देवी, एतवारी देवी, चमनी देवी, सुनीता देवी, दसमी देवी समेत जामटोली, घाघरा व आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने श्रमदान किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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