Ranchi: CM श्री हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिख जैन अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने का आग्रह किया है।
केंद्रीय वन मंत्री आदरणीय श्री @byadavbjp जी को पत्र लिख जैन अनुयायियों द्वारा प्राप्त आवेदनों के अनुसार पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखर की सुचिता बनाये रखने हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की संबंधित अधिसूचना के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने हेतु आग्रह किया। pic.twitter.com/xQenqjahjn
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 5, 2023
पारसनाथ जैन समुदाय का पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थल: CM Hemant Soren
CM ने पत्र के माध्यम से कहा है कि पारसनाथ सम्मेद शिखर पौराणिक काल से जैन समुदाय का विश्व प्रसिद्ध पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थल है। मान्यता के अनुसार इस स्थान पर जैन धर्म के कुल 24 तीर्थकरों में से 20 तीर्थकरों द्वारा निर्वाण प्राप्त किया गया है। इस स्थल के जैन धार्मिक महत्व के कारण भारत एवं विश्व के कोने-कोने से जैन धर्मावलंबी इस स्थान का तीर्थ करने आते हैं।
अतएव झारखण्ड पर्यटन नीति 2021 में पारसनाथ को तीर्थ स्थल मानते हुए इस स्थल को धार्मिक तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित करने का उल्लेख है। पूर्व में भी इस स्थल की पवित्रता अक्षुण्ण रखने हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता जारी किया गया है।
क्षेत्र के विकास और सुचिता पर सरकार का ध्यान: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थल के समुचित विकास एवं इस क्षेत्र में व्यावसायिक क्रियाकलापों के विनियमन हेतु राज्य सरकार द्वारा सचिव, पर्यटन की अध्यक्षता में पारसनाथ पर्यटन विकास प्राधिकार गठित है, जिसमें 6 गैर सरकारी निदेशकों को भी सदस्य बनाया जाना है। उक्त प्राधिकार में गैर सरकारी निदेशकों के चयन की कार्रवाई चल रही है।
वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा उक्त स्थल की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखने हेतु गिरिडीह जिला के जिलाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी किया गया है तथा जारी किये गये निर्देश के आलोक में इस स्थल पर पुलिस गश्ती बढ़ाते हुए इस स्थल की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखना सुनिश्चित किया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर हो विचार: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने आग्रह पूर्वक कहा है कि वर्तमान में कई जैन अनुयायियों द्वारा इस स्थल की पवित्रता व सुचिता बनाये रखने एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 को निरस्त करने हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस अधिसूचना के कंडिका 2.3 (VI) व कंडिका 3 3 ) में पर्यटन सहित पारिस्थितिक पर्यटन का उल्लेख है, जिसपर जैन समुदाय को आपत्ति होने का उल्लेख प्राप्त आवेदनों में दर्ज है।
राज्य सरकार जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं का संपूर्ण सम्मान करती है एवं उक्त स्थल की पवित्रता अक्षुण्ण रखने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। अतः उक्त अधिसूचना के कंडिका 2.3(VI) व कंडिका 3(3) के क्रियान्वयन के निमित्त राज्य सरकार के द्वारा अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। अतः अनुरोध है कि जैन अनुयायियों से प्राप्त अनुरोध के आलोक में उनके धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने की कृपा की जाए।
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