Ranchi: संघीय ढांचे की मजबूती के लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्यों का सर्वांगीण विकास हो। केंद्र और राज्य सरकारें एक दूसरे को सहयोग करें तभी विकास के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उसे हासिल कर सकें।
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM राज्य सरकार के वरीय पदाधिकारियों और @NITIAayog के सदस्यों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहें हैं। pic.twitter.com/Yr7qnreTm5
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) July 12, 2023
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज नीति आयोग की टीम के साथ बैठक के दरम्यान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक में पुराने और लंबित विषयों पर चर्चा हुई है और उसका समाधान भी निकला। इसके साथ कई नए मुद्दों को भी रखा गया, जिस पर नीति आयोग की ओर से सकारात्मक पहल करने का आश्वासन मिला। नीति आयोग के समक्ष राज्य सरकार के द्वारा जो भी मामले रखे गए हैं ,वे केंद्र सरकार तक पहुंचेगी और झारखंड के हित में नीति निर्धारित होगी, ऐसी उम्मीद है।
पिछड़े राज्य कैसे आगे बढ़े, इसपर विशेष कार्य करने की जरूरत: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की दौड़ में कई राज्य आगे बढ़ गए हैं और कुछ राज्य अभी भी पिछड़े हुए हैं । इसमें झारखंड भी शामिल है ।ऐसे राज्य कैसे विकास की राह में आगे बढ़ें, इसके लिए विशेष कार्य करने की जरूरत है और इसमें सभी को साथ लेकर चलना होगा।
संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें संसाधन तो मिल रहे हैं, लेकिन उसका उपयोग ऐसी जगह हो रहा है, जिससे उसका जितना फायदा होना चाहिए, वह नहीं मिल पा रहा है । ऐसे में संसाधनों की बेहतर उपयोगिता के लिए केंद्र और राज्य को मिलकर काम करना होगा, तभी हम विकसित देश और विकसित राज्य बना पाएंगे तथा जनता उसका बेहतर सदुपयोग कर सकेगी।
इन मंत्रालयों के मुद्दों और विषयों पर हुई चर्चा: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री के साथ नीति आयोग की हुई बैठक में कोयला मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।
राज्य सरकार ने रखे ये मुददे: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने कोयला मंत्रालय से जुड़े मामलों में कोल् कंपनियों द्वारा जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजा और कोयले पर राज्य सरकार को मिलने वाली रॉयल्टी से जुड़े मुद्दे को विशेष रूप से रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न कोयला कंपनियों का जमीन अधिग्रहण को लेकर लगभग 80 हज़ार करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाना है , लेकिन मात्र 2532 करोड़ रुपए राज्य सरकार और रैयतों को मुआवजा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल कंपनियां जो भी जमीन अधिग्रहित करती है, उसका मुआवजा मिलना चाहिए, भले ही उस पर खनन कार्य शुरू नहीं हुआ हो। इस पर कोयला मंत्रालय की ओर से पक्ष रखा गया। वहीं, नीति आयोग के सहयोग से यह सहमति बनी कि कोल कंपनियां कितना जमीन अधिग्रहित कर चुकी है और कितना मुआवजा वितरित किया गया है, इसकी पूरी रिपोर्ट जल्द देगी । मुख्यमंत्री ने कोयला पर मिलने वाली रॉयल्टी बढ़ाने की मांग रखी और कहा कि राज्य सरकार को ज्यादा से ज्यादा कोल रॉयल्टी मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में खनन कर रहे कोल कंपनियां जब तक किसी कोल माइंस में पूरी तरह उत्पादन बंद करने का सर्टिफिकेट नहीं देती है तब तक नई जगह पर वह कोल खनन नहीं करे। मुख्यमंत्री ने कोयला खदानों में लगी भूमिगत आग के मुद्दे को भी रखा।
एफसीआई से अनाज मिले: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने फूड सिक्योरिटी को लेकर कहा कि केंद्र द्वारा लाभुकों का जितना कोटा तय है, उससे कहीं ज्यादा लाभुकों को राशन की जरूरत है। इसलिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर राशन कार्ड जारी किए हैं । लेकिन, राज्य सरकार के राशन कार्ड धारियों के लिए अनाज सरकार को बाजार से खरीदना पड़ता है । फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा अनाज उपलब्ध नहीं कराया जाता है।
ऐसे में नीति आयोग केंद्र सरकार के पास झारखंड की इस मांग को रखे कि राज्य सरकार के राशन कार्ड धारियों के लिए भी राज्य सरकार को एफसीआई से अनाज उपलब्ध कराया जाए।
मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से संबंधित बातें भी रखी गई: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने राज्य में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज से संबंधित बातें भी नीति आयोग के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि राज्य में मेडिकल कॉलेज के लिए ऐसी जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां उसकी उपयोगिता उतनी नहीं है । अगर केंद्र सरकार मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में निर्णय ले रही है तो उसमें राज्य सरकार की भी सलाह ली जानी चाहिये।
एक्सप्रेस रोड से जुड़े प्रस्ताव पर शीघ्र मिले मंजूरी: CM Hemant Soren
राज्य सरकार की ओर से नीति आयोग को अवगत कराया गया कि झारखंड में साहिबगंज से रांची तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस बनाया जाना है । इसकी लागत लगभग 9 हज़ार करोड़ रुपए है। इसके अलावा राज्य में 8 नए कोरिडोर भी बनाए जाएंगे , जिसकी लंबाई लगभग 16 सौ किलोमीटर होगी। यह झारखंड के जिलों को जोड़ने के साथ दूसरे राज्यों से भी जुड़ी होगी। राज्य सरकार की ओर से ये दोनों प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए है । इस पर जल्द स्वीकृति मिले।
पशुओं के इंश्योरेंस के मामले को भी रखा: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने नीति आयोग को बताया कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री पशुधन योजना शुरू की है। इसके तहत लाभुकों को पशु दिए जा रहे हैं । ऐसा कई बार देखने को मिला है कि पशुओं की मौत से पशुपालकों की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। इस वजह से राज्य सरकार ने पशुओं की इंश्योरेंस की योजना बनाई है। अगर केंद्र सरकार द्वारा भी पशु के इंश्योरेंस की कोई योजना है तो उसका लाभ झारखंड को देने की दिशा में पहल होनी चाहिए।
इस बैठक में राज्य सरकार के द्वारा स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण चावल,वन क्षेत्र में टूरिज्म को बढ़ावा देन , गंगा नदी पर पुल, मनरेगा दर बढाने और ऊर्जा को लेकर डीवीसी से जुड़े मामले को भी रखा गया।
राज्य सरकार के कार्यों की सराहना: CM Hemant Soren
नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद कुमार पॉल ने कहा कि नीति आयोग केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच सेतु का कार्य करती है। झारखंड विकास के पथ पर तेजी से कैसे आगे बढ़े, इस दिशा में केंद्र से जो भी सहयोग की जरूरत होगी, नीति आयोग उसे पूरा करने की दिशा में पहल करेगी। उन्होंने कहा कि आज की बैठक काफी सार्थक रही है और उसके सार्थक परिणाम आएंगे।
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, पशुपालन, मत्स्य पालन, दुग्ध उत्पादन और रागी उत्पादन के फील्ड में में काफी बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इसका निश्चित तौर पर फायदा यहां के लोगों को और देश को भी मिलेगा।
इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य श्री विनोद कुमार पॉल, वरीय सलाहकार श्री नीरज सिन्हा, सलाहकार श्रीमती नीलम पटेल, डॉ अमृत कॉल पॉल, डॉ अशोक ए, डॉ थ्यागराजू, श्री सुमन सौरभ, श्री नमन अग्रवाल और राज्य सरकार में मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त श्री अरुण कुमार सिंह , अपर मुख्य सचिव श्री एल खियांगते, अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे , सचिव श्री सुनील कुमार, सचिव श्री अमिताभ कौशल, सचिव श्री
अबू बकर सिद्दीक, सचिव श्री प्रशांत कुमार , सचिव श्री के झा, सचिव श्रीमती विभ्रा, सचिव श्री चंद्रशेखर और वन विभाग के श्री संजय श्रीवास्तव मौजूद थे।