Patna: बिहार में इतवार व सोमवार को छठ पूजा (Chhath Puja) के दौरान नदी व ताल में स्नान व घाट की साफ-सफाई के दरमियाँ डूबने से 30 लोगों की मृत्यु (Chhath Puja Deaths) हो गई। सभी मृत लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
Bihar News: बिहार में डूबने से 21 लोगों की मौत, छठ पर्व के दौरान हुए अलग-अलग हादसे https://t.co/vK32bNthUC
— Top Bihar (@topbiharnews) October 31, 2022
इनमें दो लोगों की मृत्यु अर्घ्य देने के बीच गहरे पानी में चले जाने से हुई। अलग-अलग स्थानों पर डूबने वालों में समस्तीपुर जिले के 6 और पटना, पूर्णिया व सहरसा जिले के 3 -3 एवं रोहतास, कटिहार व बेगूसराय के 2 -2 और मधुबनी, पश्चिम चंपारण, वैशाली, कैमूर, भभुआ, बांका, जमुई, खगड़िया व मधेपुरा जिले के 1 -1 व्यक्ति शामिल हैं। वहीं, लापता लोगों में शिवहर और सीतामढ़ी के 1 -1 व्यक्ति शामिल हैं।
Chhath Puja: भीड़ व पैदल चलने के वजह दो औरतों की हुई मौत
बिहार के औरंगाबाद जिले के देव स्थित प्रख्यात सूर्य मंदिर में छठ करने पहुंचीं दो औरतों की मृत्यु हो गई। इतवार को अस्ताचलगामी सूर्यदेव को मंदिर के पीछे सूर्य कुंड ताल में अर्घ्य देने के बीच उमड़ी भीड़ में दबने से रामकिशोर सिंह की 60 वर्षीय पत्नी मीरा देवी की मृत्यु हो गई। हलाकि उनकी पोती खुशी कुमारी घायल हो गई। दूसरी ओर, पटना के नौबतपुर से छठ करने देव पहुंची दूसरी बुजुर्ग छठव्रती महिला रामपति देवी की तबीयत छह किमी पैदल चलने से बिगड़ गई और देव में ही उनकी मृत्यु हो गई।
रामपति देवी के बेटे व वायुसेना के जवान सुनील कुमार ने आरोप लगाया कि मेरी मां की मृत्यु के जिम्मेदार पुलिसकर्मी हैं। व्रत के वजह से कमजोरी महसूस कर रही मां का हवाला दिया, फिर भी वे नहीं माने। भीड़ के वजह से पुलिस ने गाड़ियों के परिचलन पर रोक लगा दिया था। देव मोड़ के समीप बैरियर पर वाहन रोक दिया गया, इसके पश्चात हमसभी पैदल चलने लगे।
पैदल चलने से माता की तबीयत खराब हुई तो एक ठेला किराया पर ले लिया। कुछ दूर के बाद पुलिस ने ठेले को रोक दिया। पुलिस के तरफ से बदतमीजी की गई और ठेला चलने वाले को पीटा भी गया। इस बीच मां की तबीयत बहुत बिगड़ गई और जब तक हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
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