Ranchi: ED अवैध खनन मामले में झारखंड में अभी जांच कर रही है। इस दरमियां हर रोज एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में यह खुलासा हुआ है कि रघुवर दास सरकार के वक्त प्रेम प्रकाश की कंपनी ने बिना किसी चालान के 233 रेलवे रैक में स्टोन चिप्स भेजे थे।
Jharkhand Mining Scam:
As per #ED Chargesheet
“Power Broker Prem Prakash collected illegal mining cash from Pankaj Mishra on the instruction of Chief Minister Hemant Soren.”Will @HemantSorenJMM who is named in the chargesheet RESIGN? @ANI @republic https://t.co/lqb5mvDpje
— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 23, 2022
1000 करोड़ से अधिक के अवैध खनन मामला: ED
ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि 1000 करोड़ से अधिक के अवैध खनन में प्रेम प्रकाश पंकज मिश्रा के अलावा कोलकाता की व्यापारी संजय चौधरी एवं अमित अग्रवाल की मिलीभगत से अवैध खनन में मौजूद था। सीडीएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जा संजय चौधरी निदेशकों में से एक है, लंबे वक्त से वंचित खनन चालान के बगैर रेलवे के द्वारा से स्टोन चिप्स के परिवहन में सनलिप्त है। ईडी ने कुछ अन्य कंपनियों को भी नामित किया है जिनमें बीएससीआई, एडीटीजी, एसवीवाईई और कुछ अन्य कंपनियों है, जिन्हें सीटीएस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी का जाता है।
268 रेलवे रैक की बुकिंग की थी, जिसमें से 251 रैक बिना खनन चालान के भेजे गए: ED
वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2022-23 के दरमियां सीटीएस इंडस्ट्रीज एवं अन्य द्वारा किए गए रेलवे के द्वारा स्टोन चिप्स के ढलाई का विवरण ईडी ने पेश किया है, जोकि साहिबगंज के नजदीक स्थित है। एडी के अनुसार इस दौरान सिटीएस इंडस्ट्रीज और अन्य ने स्टोन चिप्स के लिए 268 रेलवे रैक की बुकिंग की थी, जिसमें से 251 रैक बिना खनन चालान के भेजे गए। यह उस दौरान हुआ जब रघुवर दास मुख्यमंत्री थे। 28 दिसंबर 2014 से 29 दिसंबर 2019 तक रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री थे।
सरकार को इस तरह की अवैधता से 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ: ED
अदालत के समक्ष एडीके पेश रिपोर्ट, वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक सीटीएस इंडस्ट्रीज और अन्य ने 233 रेलवे रैक में स्टोन चिप्स और किसी का भी कोई माइनिंग चालान नहीं था. 2015-16 के दौरान CTS इंडस्ट्रीज और BSCI द्वारा कुल 16 रेक बुक किये गए थे और स्टोन चिप्स बिना खनन चालान के भेजे गए थे.
अजीब बात है कि अगले वित्तीय वर्ष में CTS इंडस्ट्रीज द्वारा केवल एक रैक बुक किया गया था और उसका कोई खनन चालान नहीं था. वित्तीय वर्ष 2017-18 में, CTS इंडस्ट्रीज ने ADTG के साथ मिलकर 31 रैक बुक किए और भेजे. वित्त वर्ष 2019-20 में बुक किए गए रेकों की संख्या 68 थी जोकि CTS इंडस्ट्रीज और एसवीवाईई के नाम से बुक हुई थी. सरकार को इस तरह की अवैधता से 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ.
अपनी राजनीतिक निकटता और दबदबे का इस्तेमाल प्रेम प्रकाश ने अवैध गतिविधियों और बाहरी उद्देश्यों के लिए किया: ED
ED ने कहा है कि Prem Prakash और Sanjay Choudhary का एक साथ मिलकर अवैध खनन करने का कार्य कर रहा था. जांच में यह खुलासा हुआ कि प्रेम प्रकाश को संजय चौधरी से कई करोड़ रुपये की धनराशि मिले थे. प्रेम प्रकाश के अवैध खनन में संलिप्त पंकज मिश्रा और अन्य लोगों से हाथ मिला लिया गया था. अवैध खनन की आय के रूप में उन्हें बहुत रुपये प्राप्त हुए, व्यक्तिगत लाभ के लिए जिसका उपयोग किया गया. ED ने कहा कि अपनी राजनीतिक निकटता और दबदबे का इस्तेमाल प्रेम प्रकाश ने अवैध गतिविधियों और बाहरी उद्देश्यों के लिए किया और प्रशासन को भी प्रभावित किया.