Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री बंधु तिर्की (Bandhu Tirkey) ने आदिवासी रेजिमेंट गठन की मांग को लेकर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।
इस पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को भी भेजी गई है। पत्र में उन्होंने कहा है कि हमारा महान देश अपने-आप में विविध जाति, धर्म, समुदाय, भाषा आदि की बहुलतावाद संस्कृति को समेटे हैं।
आदिवासी समुदाय ने राष्ट्र को ऐसे अनेक वीर स्वतंत्रता सेनानी दिये हैं: Bandhu Tirkey
हमारे देश के संविधान और हमारी संस्कृति की यह विशिष्टता है कि सभी को समान रूप से संरक्षण, संवर्द्धन और प्रोत्साहन मिलता है।उन्होंने आगे लिखा है कि ये बातें आपके संज्ञान में है कि आदिवासी समुदाय ने राष्ट्र को ऐसे अनेक वीर स्वतंत्रता सेनानी दिये हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिये अपना सर्वोच्च योगदान दिया।
न केवल स्वतंत्रता संग्राम में बल्कि आजादी के बाद विभिन्न युद्धों में भी भारतीय थल, वायु और नौसेना में शामिल आदिवासी सैनिकों ने अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान दिया और उन बहादुर सैनिकों को विशिष्ट सम्मानों से अलंकृत भी किया गया। आज के समय में यह बात बहुत अधिक प्रासंगिक होगा कि जिस प्रकार से विशिष्ट धार्मिक एवं जातिगत नाम और पहचान के साथ विविध रेजिमेेंट स्थापित हैं।
आर्थिक सामाजिक, सामरिक एवं रक्षा के क्षेत्र में इसके बहुआयामी सकारात्मक परिणाम होंगे: Bandhu Tirkey
उसी प्रकार आदिवासी रेजिमेंट की भी अविलंब स्थापना की जाय। आर्थिक सामाजिक, सामरिक एवं रक्षा के क्षेत्र में इसके बहुआयामी सकारात्मक परिणाम होंगे। एक ओर तो हमारे आदिवासी भाईयों-बहनों का राष्ट्र के प्रति भावनात्मक समर्पण और भी दृढ़ होगा। वहीं दूसरी ओर भारतीय सेना में योगदान दे चुके या कार्यरत आदिवासी सैनिकों के मामले में आम जनमानस में रूचि जागरूकता एवं संवेदनशीलता का स्तर ऊँचा उठेगा।
पत्र में बंधु तिर्की ने लिखा है कि हमे पूर्ण विश्वास है कि आदिवासी रेजिमेंट के गठन का मामला आपके व्यापक दृष्टिकोण में भी समयानुकूल एवं प्रासंगित होगा और आप इस विषय पर सकारात्मक पहल करते हुए माननीय केन्द्र सरकार को निर्देशित करेंगी। बंधु तिर्की के इस मांग से एक बार फिर आदिवासी रेजिमेंट का बहस तेजी पकड़ सकता है।
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