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CM से सुखाड़ का व्यापक सर्वेक्षण कर प्रभावित किसानों को राहत पहुँचाने की अपील की Bandhu Tirkey ने

अपेक्षित बारिश न होने के कारण अधिकांश किसानों के सामने पलायन की स्थिति बरकरार

रांची: Bandhu Tirkey: झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि पिछले वर्ष 2022 में राज्य में हुए व्यापक सूखे के बाद इस वर्ष 2023 में भी सुखाड़ की स्थिति ने झारखण्ड के किसानों को परेशान कर दिया है.

इस वर्ष भी अपेक्षा से बहुत कम बारिश हुई है: Bandhu Tirkey

उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी अपेक्षा से बहुत कम बारिश हुई है जिसके कारण झारखण्ड के किसानों एवं ग्रामीण परिवारों के सामने विकट आर्थिक सहित अनेक संकट खड़े हो गये हैं. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को भेजे गये एक पत्र में श्री तिर्की ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर कोई भी संवेदनशील व्यक्ति इस परिस्थिति को आसानी से महसूस कर सकता है.

श्री तिर्की ने कहा कि अबकी बार सबसे महत्वपूर्ण बात यह हुई कि धान की रोपनी के समय बारिश न होने का खामियाजा किसानों को बहुत अधिक भुगतना पड़ा है और अब उनके समक्ष भविष्य के साथ-साथ अस्तित्व का भी संकट है. अनेक किसानों ने अपेक्षित वर्षा की आशा में रोपनी भी कर दी थी पर उनके वे पैसे और मेहनत भी बर्बाद हो गये.

प्रभावित किसानों के हित में घोषित राहत राशि, प्रभावित किसानों को अबतक नहीं मिली: Bandhu Tirkey

श्री तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि राज्य सरकार सूखे का व्यापक सर्वेक्षण कर प्रभावित किसानों को अविलंब उचित राहत राशि देने के साथ ही उनके हित में व्यापक योजना जारी करे. श्री तिर्की ने कहा कि गत वर्ष 2022 में सूखे के पश्चात झारखण्ड के प्रभावित किसानों के हित में घोषित राहत राशि, बड़ी संख्या में प्रभावित किसानों को अबतक नहीं मिली है.

श्री तिर्की ने कहा कि खेती की सच्चाई यही है कि इससे केवल किसानों की आय अर्जित होने के साथ-साथ अनाज, फल, सब्जी आदि मिलता है जिससे हमारी ज़िन्दगी चलती है. लेकिन 2 साल लगातार बारिश के अभाव के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय हो गयी है और वे भोजन के साथ ही चिकित्सा, दवा, अपने बच्चों की शिक्षा जैसे संकट से भी जूझ रहे हैं.

श्री तिर्की ने कहा कि अभाव, संकट एवं गरीबी में जीवन काट रहे किसानों के सामने पलायन का खतरा है क्योंकि अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये उनमें से अधिकांश किसानों के सामने कोई साधन ही नहीं है. श्री तिर्की ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में सरकार को अविलंब व्यापक स्तर पर किसानों के मध्य विस्तृत सर्वेक्षण कराकर वास्तविक स्थिति का आकलन करने के पश्चात किसानों को राहत पहुँचाने के लिये कार्रवाई करनी चाहिये.

उन्होंने कहा कि यदि इस महत्वपूर्ण कार्य में ज्यादा समय लगता है तो उसका कोई भी फायदा उन प्रभावित किसानों को नहीं होगा क्योंकि जरूरत तो किसानों की तात्कालिक जरूरतों को पूरा करना है.

अंतिम तिथि को 30 अक्टूबर से आगे बढ़ा दे: Bandhu Tirkey

श्री तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि सूखे की स्थिति से निपटने के लिये जल्द से जल्द न केवल विशेषज्ञों की समिति का गठन किया जाये बल्कि उसे इस बात के लिये निर्देशित भी किया जाये कि किसानों एवं अन्य संबंधित लोगों से व्यापक विचार विमर्श कर वे सटीक रास्ता सुझायें जिससे ऐसी आपदाओं का मुक़ाबला किया जा सके. श्री तिर्की ने श्री सोरेन से अनुरोध किया है कि वह फसलों की बीमा के लिये आवेदन करने की घोषित अंतिम तिथि को 30 अक्टूबर से आगे बढ़ा दे ताकि अंतिम तिथि तक फसल बीमा की प्रक्रिया को आसानी से पूरा किया जा सके.

 

 

 

 

 

 

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