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Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि के पूजन की सही विधि, शुभ मुहूर्त और गलतियां

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि जिसे “भोले की रात” के रूप में जाना जाता है, हिंदू त्यौहार है जिसे हर वर्ष भगवान शिव की सम्मान में मनाया जाता है, भगवान से हिंदू देवताओं में प्रमुख देवताओं में से एक है।

Mahashivratri 2023 का शुभ मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का पावन पर्व की शुरुआत 18 फरवरी को शाम 05.55 बजे से होगा और अगले दिन 19 फरवरी को सुबह 3.32 बजे समापन होगा।

महाशिवरात्रि राधा, और ध्यान की रात है, क्योंकि शिवभक्त अध्यात्मिक ज्ञान, शक्ति और मार्गदर्शन के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद चाहते हैं। हिंदू मान्यताओं के आधार पर महाशिवरात्रि चेतन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। ज्योतिषियों की माने तो इस दफा की महाशिवरात्रि बहुत खास भी मानी जा रही है।

Mahashivratri 2023: पूजा की विधि

महाशिवरात्रि के दिन शिव भगवान की मूर्ति पंचामृत स्नान कराएं, उसके पश्चात 8 लोटे केसर जल चढ़ाएं। उस दिन पूरी रात्रि का दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं, बेलपत्र, धतूरा, भांग, गन्ने का रस, जायफल तुलसी, फल, कमल गट्टे, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और दक्षिणा चढ़ाएं। इन सबके बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगाकर प्रसाद वितरण करें। ओम नमो भगवते रुद्राय, ओम नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्रों का जाप करें। इस रोज़ शिव पुराण का पाठ अवश्य करें. रात्रि जागरण भी महाशिवरात्री का अहम हिस्सा है.

 

 

 

 

 

 

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