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स्थानीय कौन पर फिर गरमाया मुद्दा Jharkhand में विपक्ष और सरकार आमने-सामने

Ranchi: स्थानीयता का मुद्दा Jharkhand में नया नहीं है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के 2019 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में यह शामिल था और अब विधानसभा से लेकर सियासी दलों के खेमे में यह मसला गर्म है।

आगामी रामगढ़ उपचुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी जारी है। इसी दौरान 27 फरवरी को विधानसभा का बजट सत्र भी शुरू होने वाला है। ऐसे में स्थानीयता को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। सरकार में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा आजसू आमने सामने है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के दरमियां जुबानी जंग हो रही है। राजेश ठाकुर ने कहा कि हम कैसी नीति लाते हैं यह विपक्ष देखेगा वही दूसरी ओर दीपक प्रकाश ने कहा कि भागें नहीं नीति बनाएं।

Jharkhand News: स्थानीयता विधेयक राज्यपाल ने वापस कर दिया था

Jharkhand विधानसभा से 11 नवंबर 2022 को पारित 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति को गवर्नर रमेश बैस ने वापस कर दिया था। तब सीएम ने कहा था कि मैं जानना चाहता हूं कि यह विधायक असंवैधानिक कैसे हैं। मुख्यमंत्री जहां खतियान ई जोहार यात्रा पर है तो वही झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य कह दिया कि नहीं बल्कि खतियान स्थानीयता का आधार होगा। भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में 1908, 1912, 1932, 1964, 1985 और 1996 में सर्वेक्षण हुआ है।

ऐसे में 1932 को आधार मानना तर्कसंगत नहीं है। जबकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक बड़ा तबका 1932 के आधार पर स्थानीय नीति लाने की मांग कर रहे हैं।

Jharkhand News: विपक्ष बजट सत्र में देखेगा हमारी लाई गई नीति

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बातचीत ने कहा कि हम बेहतर से बेहतर नीति बनाने के लिए प्रयासरत हैं। हम नियोजन व स्थानीय नीति लाए थे परंतु दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि वह लागू नहीं हो सका। गवर्नर ने बिल लौटा दिया। उन्होंने कहा हम कैसी नीति ला रहे हैं 27 फरवरी को विपक्ष जान जाएगा।

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा 1932 पर राज्य की हेमंत सरकार अब बैकफुट पर है। हेमंत सरकार भागना चाहती है। उन्होंने पूरे मसले का राजनीतिकरण किया है। उन्होंने कहा कि 1932 खतियान लागू करने से किसने रोका है। परंतु राज्य सरकार भी जानती है कि इसका रिजल्ट क्या होगा। उन्होंने सरकार पर मूलवासी और आदिवासी को भ्रमित करने का आरोप लगाया।

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Sudesh Mahto लगाया राज्य के युवाओं को ठगने का आरोप

एनडीए में शामिल आजसू पार्टी के मुखिया सुदेश महतो ने कहा हेमंत सरकार को राज्य के युवाओं से माफी मांगनी चाहिए। चुनावी घोषणा पत्र में जितना भी वादा किया था, एक भी पूरा नहीं हुआ। हेमंत सरकार पर युवाओं का फ्यूचर बर्बाद करने का लगाते हुए सुदेश महतो ने कहा कि सरकार संवेदनहीन है। इन्हें मूलवासी और आदिवासी के हितों से कोई लेना-देना नहीं है।

Jharkhand उच्च न्यायालय से रद्द हो चुकी है नियोजन नीति

गौरतलब है कि राज्य में लंबे समय से सरकारी नौकरियों के लिए ठोस नियोजन नीति डालेगी मांग चल रही है। 2016 में रघुवर दास सरकार में नियोजन नीति लाई थी वही हेमंत सरकार ने फरवरी 2020 में नियोजन नीति लेकर आए हेमंत सरकार की योजनाएं प्रावधान था की दसवीं और बारहवीं की कढ़ाई झारखंड से करने वाले हैं झारखंड की तृतीय और चतुर्थ वर्गीय नौकरी में आवेदन कर पाएंगे। हाईकोर्ट ने इस प्रावधान को संविधान के आर्टिकल 14 और 16 का खुला उल्लंघन बताते हुए खारिज कर दिया।

 

 

 

 

यह भी पढ़े: क्या है Jharkhand सरकार का स्थानीय निति को लेकर प्लान?

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