Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश (Deepak Prakash) ने सिरमटोली से लेकर मेकॉन तक निर्माणाधीन फ्लाई ओवर में भ्रष्टाचार की संभावना व्यक्त करते हुए इसकी विस्तृत जांच कराने और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।
इस बाबत श्री प्रकाश ने बकायदा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट कराया है।
फ्लाई ओवर के काम में यदि भ्रष्टाचार हो तो यह झारखण्ड जैसे गरीब राज्य के लिए सुखद खबर नहीं है: Deepak Prakash
पत्र में कहा गया है कि राज्य में फ्लाई ओवर का काम हो रहा है यह हम सब के लिए खुशी की बात है परंतु फ्लाई ओवर के काम में यदि भ्रष्टाचार हो तो यह झारखण्ड जैसे गरीब राज्य के लिए सुखद खबर नहीं है। माननीय मुख्यमंत्री जी पथ निर्माण विभाग, झारखंड सरकार के द्वारा जो फ्लाई ओवर बन रहा है उसका काम किसी खास कंपनी को दी गयी है। लेकिन विश्वस्त सूत्रों से मुझे जानकारी मिली है कि इस कंपनी को यह ठेका शिडयूल दर से 25 प्रतिशत की अधिक दर से दी गयी है।
CM आपने खास कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए कैबिनेट की बैठक की: Deepak Prakash
नियमतः शिडयूल रेट से लगभग 10 प्रतिशत तक का काम देने का अधिकार अभियंता प्रमुख को है तथा 10 प्रतिशत शिडयूल दर से ज्यादा दर पर देने के लिए कैबिनेट से स्वीकृति की आवश्यकता होती है। आपने खास कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए कैबिनेट की बैठक की तथा कंपनी को शिडयूल रेट से 25 प्रतिशत से अधिक दर पर काम देने की स्वीकृति भी आपने ले ली। जबकि रांची में ही रातु रोड में फ्लाई ओवर निर्माण का कार्य भारत सरकार के नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा किसी कंपनी को शेडयूल दर से 18 प्रतिशत कम दर में काम दी गयी है।
मुख्यमंत्री से चंद सवाल: Deepak Prakash
श्री प्रकाश ने इससे संबंधित मुख्यमंत्री से चंद सवाल किया है।। सवाल है कि आखिर किन परिस्थितियों के कारण कंपनी को शेडयूल रेट से ज्यादा दर पर काम दिया गया ? क्या कारण है कि दोनों फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य के राशि आवंटन में इतना फर्क है ? अगर ज्यादा दर पर काम देना ही था तो फिर से रिटेंडर क्यों नहीं किया गया जिसमें दूसरी कंपनी भी भाग ले सकती थी। एक खास कम्पनी पर सरकार की विशेष कृपा क्यों ?
श्री प्रकाश ने कहा कि जो स्थिति है उससे इस कार्य में प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार प्रतीत हो रहा है। मुझे लगता है कि इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। अगर भ्रष्टाचार हो रहा है तो उसपर तुरंत रोक लगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से अविलंब जांच कराने की मांग की है।