Patna: Prashant Kishor: लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद अब बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है. विभिन्न राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के प्रयास तेज कर दिए हैं.
पटना स्थित ज्ञान भवन में जन सुराज से जुड़े प्रमुख साथियों के साथ हुई बैठक की कुछ झलकियां। pic.twitter.com/HiyYm8HJNP
— PK Youth Club (@PKYouthClub) June 11, 2024
60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए हर महीने 2 हजार रु: Prashant Kishor
इसी कड़ी में चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने जनता से एक बड़ा वादा किया है जिसने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है. प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव में जीतने पर जनता से वादा किया है कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए हर महीने 2 हजार रुपए पेंशन की व्यवस्था की जाएगी.
जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा “इस बार हम संकल्प लेकर आए हैं. हमने किसी नेता और दल का नहीं आपका हाथ पकड़ा है. आपके बच्चों का हाथ पकड़ा है. जैसे दही को मथकर मक्खन निकाला जाता है वैसे ही समाज को मथकर बिहार को मथकर ऐसे लोगों को निकालेंगे जिन्हें आपके आशीर्वाद और वोट से जिताकर लाएंगे और जनता का राज बनाएंगे.”
कम से कम 10 से 15 हजार रुपए का रोजी-रोजगार: Prashant Kishor
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा “हमारा पहला संकल्प है कि नाली-गली बने चाहे ना बने स्कूल-अस्पताल जब सुधरेगा तब सुधरेगा लेकिन साल भर के अंदर आपके घर से जितने लोग बाहर कमाने गए हैं या आपके गांव में जितने युवा बेरोजगार बैठे हैं उन्हें कम से कम 10 से 15 हजार रुपए का रोजी-रोजगार बिहार में उपलब्ध कराया जाएगा.
” प्रशांत किशोर के इस वादे पर जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा “न नौ मन तेल होगा और ना ही राधा नाचेगी. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास हो रहा है और जनता उन्हें प्रचंड बहुमत से जीताएगी क्योंकि वह झूठे वादे नहीं करते बल्कि बिहार के 14 करोड़ जनता का बिना भेदभाव के विकास करते हैं.”
प्रशांत किशोर एक कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं
वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है;”प्रशांत किशोर एक कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं और लगातार बिहार घूम रहे हैं. उन्हें बिहार के वोटर की जमीनी हकीकत का पता चल रहा है. उन्होंने जो वादा किया है उसका फायदा भी मिल सकता है बशर्ते चुनाव के वक्त उनकी पार्टी की स्थिति कैसी रहती है. अगर उनकी पार्टी चुनावी रेस में मजबूती से रही तो उनके वादे का असर हो सकता है.”
बिहार की राजनीति में इस नई घोषणा ने राजनीतिक दलों के बीच हलचल मचा दी है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है.