Ranchi: राजभवन के पदाधिकारी और विश्वविद्यालय, वोकेशनल शिक्षकों को डराना बंद करें – Dr. Atal Pandey। आज रांची विश्वविद्यालय के वोकेशनल शिक्षक संघ के द्वारा रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को 6 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया।
सेल्फ फाइनेंस कोर्स पिछले है 20 वर्षों से चलाया जा रहे हैं: Dr. Atal Pandey
ज्ञात होगी रांची विश्वविद्यालय के विभिन्न पीजी विभाग एवं कॉलेज में 20 से भी अधिक वोकेशनल या सेल्फ फाइनेंस कोर्स पिछले है 20 वर्षों से चलाया जा रहे हैं जिसमें अतिथि और कॉन्ट्रैक्ट शिक्षक अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं और इन कोर्स को करने के बाद विद्यार्थियों को विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्था में सीधे नौकरी भी प्राप्त हो रही है।
परंतु इस विभागों में कार्यरत्त सभी शिक्षकों की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है ना तो उन्हें उचित मानदेय मिलता है और ना ही कोई अन्य सुविधा प्राप्त होती है आज अपने मांग पत्र में विश्वविद्यालय से मांग की गई –
- समान काम के बदले समान वेतनमान देने की व्यवस्था हो।
- अभिलंब शिक्षकों एवं कर्मचारियों के पद सृजित कर उसे भरने की कृपा करें।
- अतिथि शिक्षकों को यूजीसी के अनुसार तय मापदंड ₹1500 प्रति कक्षा करने की कृपा करें।
- सीनेट और सिंडिकेट या कोर कमेटी में वोकेशनल शिक्षक संघ के प्रतिनिधि की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
- नई नियुक्ति प्रक्रिया में पुराने शिक्षकों को ही प्राथमिकता मिले।
- वोकेशनल फंड में रखे हुए अरबों रूपए का उपयोग किया जाए।
रांची विश्वविद्यालय में पिछले 20 वर्षों से शिक्षक कार्यरत्त हैं: Dr. Atal Pandey
वोकेशनल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अटल पाण्डेय ने कहां की रांची विश्वविद्यालय में पिछले 20 वर्षों से शिक्षक कार्यरत्त हैं पर आज तक उनके पद सृजित करने की ना तो कोई सोच रहा है ना ही उनके स्थाईकरण की कोई बात करता है। विश्वविद्यालय जब सेवा करने का केंद्र है, छात्रों से कम से कम पैसे लिए जाते हैं तब वोकेशनल फंड में अरबों रूपए कैसे जमा हो गए? उसका यदि सही ढंग से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के शिक्षा व्यवस्था पर खर्च होता तो विश्वविद्यालय की स्थिति अलग होती।
उन पैसों को शिक्षकों पर खर्च क्यों नहीं किया गया ? चलिए आज तक नहीं किया गया, कोई बात नहीं, पर अभी भी क्यों नहीं सोच रही है विश्वविद्यालय प्रशासन की उन पैसों का सही तरीके से उपयोग किया जाए।
रांची विश्वविद्यालय वोकेशनल शिक्षक संघ के अध्यक्ष अवधेश ठाकुर ने कहा कि राजभवन से जो पत्र प्राप्त हुआ है उसमें कहा गया है की जो शिक्षक अहर्ता नहीं रखते हैं उनकी क्वालीफिकेशन की जांच कर हटाया जाए, तो मैं मांग करता हूं की शिक्षकों को हटाने से पहले उन अधिकारियों पर राजभवन कार्रवाई करे जिन्होंने उन्हें नियुक्त किया, साथ ही उन विद्यार्थियों का सर्टिफिकेट भी कैंसिल कर दे, जो उनके द्वारा पढ़ाए गये।