Ranchi: विधायक शिल्पी नेहा तिर्की (Shilpi Tirkey) ने कहा है कि, विधानसभा में प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2023- 24 के झारखण्ड सरकार के एक लाख सोलह हज़ार चार सौ अठारह करोड़ रूपये के हमीन कर बजट में वैसे तो बहुत सारे सकारात्मक पहलू हैं लेकिन इसमें दो ऐसे प्रावधान है जिससे पता चलता है कि झारखण्ड सरकार जमीन से जुड़ी है और उसने आदिवासियों-मूलवासियों की भावनाओं को समझा है.
निशुल्क कोचिंग करवाने के लिए Shilpi Tirkey लंबे समय से सरकार से अनुरोध करती रही हैं
मांडर की विधायक श्रीमती तिर्की ने कहा कि, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) एवं झारखण्ड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के लिये अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी एवं अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को निशुल्क कोचिंग करवाने के लिए वह लंबे समय से सरकार से अनुरोध करती रही हैं.
उन्होंने कहा कि, जिस प्रकार से इस बार बजट में इस बात को शामिल किया गया है और एकलव्य प्रशिक्षण की योजना लायी गयी है वह एक बहुत ही प्रशंसनीय कदम है. इससे प्रतिभावान लेकिन आर्थिक क्षमता में कमजोर छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन मिलेगा.
श्रीमती तिर्की ने कहा कि, झारखण्ड की परंपरागत जनजातीय कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जिस प्रकार से जनजातीय संस्कृति एवं कला केंद्र को निशुल्क वाद्य यंत्र उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाये वह कम ही होगी.
Shilpi Tirkey ने वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इसके लिए आभार जताया है
श्रीमती तिर्की ने कहा कि, इन दोनों प्रावधानों ने विशेष रूप से वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में प्राण फूंक दिया है. उन्होंने कहा कि, उन्हें पूरा भरोसा है कि सरकार ने जो प्रावधान किये हैं वह विधानसभा में तो पारित होगा ही लेकिन इसके साथ-साथ वह इन योजनाओं को प्रभावी रूप में ज़मीनी स्तर पर लागू करेगी और प्रशासनिक अधिकारी भी अपनी पूरी सक्रियता दिखायेंगे. श्रीमती तिर्की ने वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इसके लिए आभार जताया है.
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