Ranchi: 1 मार्च. विधायक शिल्पी नेहा तिर्की (Shilpi Neha Tirkey) ने राज्य सरकार से मांग की है कि, राज्य के विभिन्न विद्यालयों में रिक्त पड़े उर्दू शिक्षकों के सभी 4401 पदों को अविलम्ब भरा जाये.
विधानसभा में उठाये गये एक सवाल में श्रीमती तिर्की ने कहा कि, अभी राज्य में वैसे विभिन्न विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों के कुल 4401 सृजित हैं जहाँ नियमानुसार 10 से अधिक उर्दू भाषी छात्र-छात्रा हैं. इन पदों में से 3712 पद खाली पड़े हैं और इसकी कीमत एक तरफ तो उर्दू भाषी छात्र-छात्राओं को चुकानी पड़ रही है वहीं दूसरी ओर अनेक स्नातक एवं इंटर प्रशिक्षित शिक्षक बेरोजगार हैं.
4401 पद में से 3712 पद अभी खाली है: Shilpi Neha Tirkey
विधानसभा में अपने अल्प सूचित प्रश्न के तहत अपना सवाल उठाते हुए श्रीमती तिर्की ने कहा कि, अविभाजित बिहार में 9 नवंबर 1991 को उर्दू शिक्षकों के कुल 15000 पदों का सृजन किया गया था और झारखण्ड गठन के बाद उनमें से 4401 पद झारखण्ड के हिस्से में आया जिसमें से 3712 पद अभी खाली है.
श्रीमती Shilpi Neha Tirkey ने कहा कि,2012 में शिक्षक नियुक्ति नियमावली में उर्दू शिक्षकों की विद्यालयों में नियुक्ति हेतु प्रारंभिक विद्यालयों में 2012 में इसे बदलकर केवल इंटर प्रशिक्षित उम्मीदवारों को ही आवेदन करने की योग्य माना गया जबकि एनसीटीई ने वर्ष 2018 में झारखण्ड सहित सभी राज्यों को यह निर्देश दिया था कि उन पदों पर नियुक्ति के लिये इंटर प्रशिक्षण अभ्यार्थी नहीं मिलने पर स्नातक प्रशिक्षित अभ्यार्थी से भी उन सभी पदों को भरा जा सकता है.
यह भी पढ़े: क्या है Jharkhand सरकार का स्थानीय निति को लेकर प्लान?