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Jharkhand Drought: कृषि के क्षेत्र में बड़ी चुनौती – एल ख्यांगते

मास्टर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कृषि संगणना 2021-22 का आयोजन

Ranchi: सुखाड़ (Jharkhand Drought) के दिन बढ़ते जा रहे हैं। पानी एक बड़ी चुनौती बनकर कृषि पैदावार को प्रभावित कर रहा है। मिट्टी में न्यूट्रिशंस की कमी होती है, तो खाद्य सामग्री पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।

इसलिए कृषि के क्षेत्र में काफी बड़ी चुनौती है। यह बातें भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एल ख्यांगते ने आज प्रोजेक्ट भवन के द्वितीय तल स्थित नए सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय 11वीं कृषि गणना 2021-22 के लिए मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला में कहीं।

Jharkhand Drought: हमें इस बात पर फोकस करना होगा कि कृषि उत्पादन में ज्यादा से ज्यादा पानी का कैसे बचाव किया जाए।

श्री ख्यांगते ने कहा कि कृषि भूमि का डाटा संग्रहण काफी महत्वपूर्ण कार्य है और इसे संवेदनशीलता के साथ करने की जरूरत है। कहा, मिट्टी की एक उम्र होती है और उत्पादन क्षमता की भी एक सीमा होती है। हमें इस बात पर फोकस करना होगा कि कृषि उत्पादन में ज्यादा से ज्यादा पानी का कैसे बचाव किया जाए।

पूरे राज्य से आये अपर समाहर्ता, अंचल अधिकारी सहित अन्य पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक प्रशासक के तौर पर कृषि की बारीकी को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि झारखंड में जैव विविधता काफी है। यहां जड़ी-बूटी, गुणवत्तापूर्ण वृक्ष भी हैं, इसे डाटा संग्रहण में भी स्थान दें। राज्य में मरुस्थलीकरण (डेजर्टिफिकेशन) को कैसे रोका जाए, इस पर भी फोकस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि परंपरागत फसलों के साथ मौसम और भूमि की प्रकृति के अनुसार खेती करनी होगी। उन्होंने पदाधिकारियों को कहा कि कृषि डाटा संगणना का कार्य ससमय करना जरूरी है।

Jharkhand Drought: विकास योजनाओं के सूत्रण के लिए डाटा साइंस जरूरीः श्री अबू बकर सिद्दीकी

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव श्री अबू बकर सिद्दीकी ने कार्यशाला में कहा कि किसानों के जीवन स्तर को अगर ऊपर उठाना है, तो कृषि के क्षेत्र में प्लानिंग बहुत जरूरी है और प्लानिंग के लिए डाटा साइंस बुनियाद होती है। इसलिए विकास योजना के सूत्रण के लिए डाटा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि क्रॉप डायवर्सन का दौर है, इसलिए नए कॉमर्शियल पैदावार को बढ़ावा देना होगा।

कृषि संगणना के दौरान उपकरण, भूमि की प्रकृति, खाद और सिंचाई व्यवस्था का डाटा तैयार करना होगा साथ ही क्षेत्रवार कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं का आकलन कर डाटा संग्रहण करना होगा, ताकि कृषि की सूरत को बदला जा सके। उन्होंने ऑर्गेनिक खेती पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में ऐसे गांव, पंचायत, प्रखंड और जिला को चिह्नित करें, जो फर्टिलाइजर का कम इस्तेमाल करते हैं। अगर कोई क्षेत्र ऐसा है, जहां केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल कम होता है, तो उस क्षेत्र को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

Jharkhand Drought: कृषि संगणना 2021- 22 का उद्देश्य

कृषि संगणना का उद्देश्य यह है कि परिचालन जोतों की संख्या तथा परिचालन जोतों के क्षेत्र, भूमि उपयोग, फसल पैटर्न, इनपुट उपयोग के पैटर्न आदि के आधार पर कृषि क्षेत्र की संरचना और विशेषताओं का वर्णन करना। साथ ही तहसील, ग्राम स्तर तक बेंच मार्क डाटा प्रदान करना, जो नए कृषि विकास कार्यक्रम शुरू करने और उनकी प्रगति के मूल्यांकन के लिए आवश्यक है। भविष्य के कृषि सर्वेक्षण के लिए परिचालन जोत का सांख्यिकी आधार प्रदान करना है।

भारत सरकार के निर्देश पर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। योजना को लागू करने तथा आर्थिक रूप से किसानों को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से कृषि संगणना का कार्य किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर एप्स के माध्यम से गणना की जाएगी। इससे पूरे राज्य का डाटा कलेक्शन होगा, ताकि झारखंड आर्थिक स्वावलंबन में भारत सरकार का साझीदार बन सके।

कार्यक्रम में निदेशक भू अर्जन श्री उमाशंकर सिंह, निदेशक अर्थ एवं सांख्यिकी श्री संजीव बेसरा, कृषि मंत्रालय भारत सरकार के श्री रौशन कुमार सिंह एवं प्रणव दत्त, NIELIT कोलकाता से अर्नब घोष सहित सभी जिला के अपर समाहर्ता, अंचलाधिकारी, सीआई उपस्थित थे।

 

 

 

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