HeadlinesJharkhandPoliticsStatesTrending

राज्यपाल Ramesh Bais को भावभीनी विदाई देते हुए माननीय CM हेमन्त सोरेन

राजभवन में छोड़ गए बंद लिफ़ाफ़ा कहा आने वाले राज्यपाल अगर चाहे तो चुनाव आयोग से आई चिट्ठी के अनुसार फैसला कर सकते हैं

Ranchi: बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची में माननीय राज्यपाल श्री Ramesh Bais को भावभीनी विदाई देते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन।

महाराष्ट्र के नवनियुक्त राज्यपाल रमेश बैस 18 फरवरी को यहां राजभवन में पद की शपथ लेंगे। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

भले ही राज्यपाल Ramesh Bais महाराष्ट्र के लिए विदा हो गए परंतु राजभवन में एक बंद लिफाफा छोड़ गए हैं। यह लिफाफा राज्य की सियासत में किसी भी वक्त हलचल पैदा कर सकता है। पिछले साल 25 अगस्त को केंद्रीय चुनाव आयोग ने यह लिफाफा राजभवन भेजा था। और इसी लिफाफे से यह तय हो सकता है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता बनी रहेगी यह खारिज हो जाएगी।

Ramesh Bais News: बंद लिफाफे का राज क्या है?

Ramesh Bais ने झारखंड से जाते जाते कहा की आने वाले राज्यपाल श्री राधाकृष्ण अगर चाहे तो चुनाव आयोग से आई चिट्ठी के अनुसार फैसला कर सकते हैं। और उन्होंने इस पर कोई फैसला इसलिए नहीं किया क्योंकि इससे झारखंड की सरकार अस्थिर हो सकती
थी।

Ramesh Bais News: क्या है मामला?

मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पर पत्थर खदान की लीज आवंटन सुरेश खड़े विवाद से जुड़ा है। मुख्यमंत्री रहते हुए खदान की लीज लेने पर इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मसला बताते हुए हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर बीते वर्ष फरवरी में बीजेपी राज्यपाल रमेश बैंस के पास पहुंची थी। राज्यपाल ने बीजेपी की इस शिकायत पर केंद्रीय चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा। इस विषय पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने शिकायतकर्ता भाजपा एवं हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर इस विषय में उनसे जवाब मांगा। दोनों के पक्ष सुनने के पश्चात केंद्रीय चुनाव आयोग ने बीते वर्ष 25 अगस्त को राजभवन को एक सीलबंद लिफाफे में अपना मंतव्य भेजा था।

Ramesh Bais News: चिट्ठी में क्या लिखा है?

अनऑफिशियली ऐसी खबरें मिलती रहेगी केंद्रीय चुनाव आयोग में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दोषी मानते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। इस कारण उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी जाना तय है। राज्यपाल रमेश बैंस ने केंद्रीय चुनाव आयोग से आए सीलबंद लिफाफे पर चुप्पी साधे रखी और इससे झारखंड में सियासी सस्पेंस और भ्रम का माहौल बना।

 

 

 

 

 

 

यह भी पढ़े: क्या है Jharkhand सरकार का स्थानीय निति को लेकर प्लान?

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button