
Ranchi: झारखंड के महान स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी चेतना के प्रतीक धरती आबा भगवान Birsa Munda की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सोमवार को रांची के कोकर स्थित समाधि स्थल पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर रांची के कोकर स्थित समाधि स्थल पर माल्यार्पण कर भगवान बिरसा मुंडा को मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM राज्य सभा सांसद श्रीमती @mahuamajilive विधायक श्रीमती @JMMKalpanaSoren एवं अन्य ने श्रद्धांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/pmnsuHrt8x
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) June 9, 2025
मुख्यमंत्री ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा:
“धरती आबा बिरसा मुंडा न सिर्फ झारखंड, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उनका बलिदान और संघर्ष हमें सामाजिक न्याय, स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।”
सादगी और श्रद्धा के साथ मनाया गया कार्यक्रम
समाधि स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य सरकार के कई मंत्री, स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। पूरे समारोह में सादगी और श्रद्धा का वातावरण देखने को मिला। आदिवासी सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप वाद्ययंत्रों और पारंपरिक गीतों के माध्यम से धरती आबा को याद किया गया।
Birsa Munda: जननायक और क्रांतिकारी योद्धा
गौरतलब है कि बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ उलगुलान (विद्रोह) का नेतृत्व कर आदिवासी समाज में नई चेतना का संचार किया था। मात्र 25 वर्ष की आयु में 9 जून 1900 को रांची के केंद्रीय कारागार में उनकी मृत्यु हो गई थी। उनका जीवन आज भी झारखंड की संस्कृति, संघर्ष और अस्मिता का प्रतीक बना हुआ है।
मुख्यमंत्री ने उठाए सामाजिक न्याय के मुद्दे
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार धरती आबा के सपनों को साकार करने के लिए आदिवासी कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक अधिकारों को लेकर कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार आदिवासी हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है।
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